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सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने के बाद रेलवे अब दौड़ाएगा ऊंची बोगी वाली मालगाड़ियां

सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने के बाद रेलवे अब एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। रेलवे पहली बार मालगाड़ियों की बोगियों की ऊंचाई बढ़ाने जा रहा है। सामान्य से दो से ढाई फुट ऊंची बोगी की ये मालगाड़ियां...

सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने के बाद रेलवे अब दौड़ाएगा ऊंची बोगी वाली मालगाड़ियां
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 07 Apr 2016 04:01 PM
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सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने के बाद रेलवे अब एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। रेलवे पहली बार मालगाड़ियों की बोगियों की ऊंचाई बढ़ाने जा रहा है। सामान्य से दो से ढाई फुट ऊंची बोगी की ये मालगाड़ियां देश में तैयार हो रहे ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर पर चलाई जाएंगी। इस ट्रैक पर ओएचई लाइन को भी अधिक ऊंचाई वाली ट्रेनों के हिसाब से सेट किया जाएगा। कपूरथला की रेलवे कोच फैक्ट्री में ये बोगियां बननी शुरू हो गईं हैं। उम्मीद है कि अगले एक साल में कॉरीडोर तैयार होते ही ये ट्रेनें पटरी पर दौड़ने लगेंगी।

मालगाड़ियों को अलग पटरी पर चलाने के लिए रेलवे ने देश में दो बड़े फ्रेट कॉरीडोर बनाने की शुरुआत की है। ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर को लुधियाना से मेरठ, खुर्जा होते हुए टूंडला के पास एत्मादपुर (आगरा) से मुगलसराय होते हुए दानकुनी तक बनाया जा रहा है। वहीं दूसरा बड़ा कॉरीडोर वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर है, जो यूपी के दादरी से होकर अजमेर, मड़वार होते हुए गुजरात के बलसाद और बसई रोड तक है। ये दोनों कॉरीडोर यूपी के दादरी स्टेशन को खुर्जा स्टेशन पर डाली जा रही 42 किमी की लाइन से जुड़ते हैं। इन पर लगभग 50 फीसदी से अधिक कार्य हो चुका है।

रेलवे ने अब देश के इन दोनों महत्वपूर्ण कॉरीडोर पर चलने वाली मालगाड़ियों की डिजायन में भी बदलाव करने की तैयारी की है। रेलवे के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल कुमार सक्सेना के मुताबिक देश में पहली बार मालगाड़ियों की बोगियों की ऊंचाई को दो से ढाई फीट तक बढ़ाया जा रहा है। ये ट्रेनें इन दोनों कॉरीडोर पर ही चलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि अधिक ऊंचाई की बोगियों वाली ट्रेनों के संचालन के लिए इन्हीं के हिसाब से ओएचई लाइन व अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम में भी बदलाव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऊंचाई वाली बोगियां बनाने का कार्य रेलवे ने शुरू कर दिया है। कॉरीडोर का कार्य पूरा होते ही इन ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।

इसलिए बढ़ाई जाएगी ऊंचाई
रेलवे माल को अधिक ढोने के लिए अभी तक ट्रेनों की लंबाई बढ़ाता आया है। यानि मालगाड़ियों में कोचों की संख्या को 50 से 60 तक कर दिया जाता है। रेलवे ने हाल ही में 50-50 कोच की दो ट्रेनों को एक साथ जोड़कर चलाने की व्यवस्था भी शुरू की है, मगर लंबाई बढ़ने से ट्रेनों के संचालन में अधिक सतर्कता बरतनी पड़ती है। अधिक माल ढोने के लिए अब रेलवे ने ट्रेनों की लंबाई बढ़ाने की जगह बोगियों की ऊंचाई बढ़ाने की शुरुआत की है। रेल अधिकारियों के मुताबिक बोगियां ऊंची होंगी, तो उनमें माल भी अधिक लादा जा सकेगा।

ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर
कॉरीडोर की कुल लंबाई - 1839 किमी
लुधियाना से खुर्जा - 404 किमी
खुर्जा से टूंडला-कानपुर - 343 किमी
कानपुर से मुगलसराय - 393 किमी
सोनागर से दानकुनी - 538
वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर
कॉरीडोर की कुल लंबाई - 1499 किमी
दादरी से रेवारी - 141 किमी
रेवारी से बड़ोदरा - 930 किमी
बड़ोदरा से बसई रोड - 428 किमी