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पुणे पोर्श हादसा: ड्राइवर को दोष लेने के लिए किया गया मजबूर? आरोपी के दादा ने क्या कहा

रिपोर्ट के मुताबिक, दादा अग्रवाल ने कहा कि वह कल्याणी नगर में 17 वर्षीय लड़के के साथ घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि ऐसे में वह ड्राइवर को कैसे धमकी दे सकते हैं।

पुणे पोर्श हादसा: ड्राइवर को दोष लेने के लिए किया गया मजबूर? आरोपी के दादा ने क्या कहा
Niteesh Kumarलाइव हिन्दुस्तान,मुंबईSun, 26 May 2024 08:49 PM
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महाराष्ट्र में पुणे की अदालत ने पोर्श कार दुर्घटना मामले में शामिल किशोर के दादा को 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि पोर्श दुर्घटना मामले में शामिल किशोर के दादा के घर से सीसीटीवी कैमरे का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर बरामद किया गया है। प्रारंभिक जांच से फुटेज के साथ छेड़छाड़ का भी पता चला है। हालांकि, दादा ने पुलिस को दिए बयान में अपने ऊपर लगे कई आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने परिवार के ड्राइवर को धमकी देने के आरोप को भी गलत बताया है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, एसके अग्रवाल ने कहा कि जब दुर्घटना हुई तब वह दिल्ली में थे। उन्होंने कहा कि पिछले रविवार को सुबह 11 बजे के आसपास वह पुणे लौटे।

दादा अग्रवाल ने कहा कि वह कल्याणी नगर में 17 वर्षीय लड़के के साथ घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि ऐसे में वह ड्राइवर को कैसे धमकी दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि ड्राइवर अग्रवाल परिवार के साथ बीते 7-8 साल से काम कर रहा था। साथ ही, हादसे की रात ड्राइवर रविवार तड़के तक थाने में ही था। अग्रवाल ने कहा कि दुर्घटना के बाद उन्हें भीड़ के उग्र होने का डर था। इसलिए उन्होंने अग्रवाल परिवार के सर्वेंट क्वार्टर में रहने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि ड्राइवर ने खुद लोगों से सुरक्षा मांगी थी। यही वजह है कि वह अपनी मर्जी से स्टाफ क्वार्टर में रुका था। अग्रवाल ने कहा कि वह पहले भी कई मौकों पर स्टाफ क्वार्टर में रह चुका है।

ड्राइवर को गलत तरीके से बंधक बनाने का आरोप
बता दें कि दादा को 19 मई की दुर्घटना के बाद पारिवारिक ड्राइवर को गलत तरीके से बंधक बनाने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था और दोपहर में एक अवकाशकालीन अदालत के समक्ष पेश किया गया था। इस बीच, पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि किशोर के पिता और दादा ने अपने परिवार के ड्राइवर को नकदी और उपहार की पेशकश की और बाद में उसे दुर्घटना का दोष कबूल करने को कहा था। अभियोजन पक्ष ने आरोपी की सात दिन की हिरासत की मांग की, क्योंकि वह ड्राइवर का फोन बरामद करना चाहता था जिसे आरोपी ने गलत तरीके से बंधक बनाकर ले लिया था। अदालत को नाबालिग लड़के के दादा के खिलाफ कोंढवा, पुणे के बंड गार्डन और सतारा जिले के महाबलेश्वर में एक थाने में दर्ज पिछले अपराधों के बारे में भी अवगत कराया गया।