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बंगाल में बीजेपी कैसे करेगी 30 सीटों का टारगेट पार? 6ठे चरण पर दारोमदार 

Lok Sabha Elections in Bengal: गौरतलब है कि 1 जून को सातवें और अंतिम चरण में कोलकाता की दो सीटों सहित जिन नौ सीटों पर मतदान होना है, उनमें से बीजेपी 2019 में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।  

बंगाल में बीजेपी कैसे करेगी 30 सीटों का टारगेट पार? 6ठे चरण पर दारोमदार 
Himanshu Jhaतन्मय चटर्जी, हिन्दुस्तान टाइम्स,नई दिल्ली।Sat, 25 May 2024 08:10 AM
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भारतीय जनता पार्टी को इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल से अच्छे परिणाम की उम्मीद है। बीजेपी ने यहां 42 लोकसभा सीटों में से 30 का टारगेट तय किया है। छठे चरण में आज दक्षिण बंगाल में अधिकांश सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। बीजेपी के लिए यह चरण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने बंगाल में 18 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था। उसमें उत्तरी बंगाल में आठ में से सात सीटों पर जीत मिली थी। दक्षिण बंगाल में भाजपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन उन जिलों में रहा जहां आज मतदान हो रहा है।
 
छठे चरण में आज बंगाल की आठ सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने इनमें से 5 सीटों (झाड़ग्राम, पुरुलिया, बांकुरा, बिष्णुपुर और मिदनापुर) पर कब्जा किया था। तृणमूल कांग्रेस के सांसद शिशिर अधिकारी और उनके बेटे दिब्येंदु अब बीजेपी में हैं। ये पूर्वी मिदनापुर जिले में क्रमशः तमलुक और कोंटाई सीट से सांसद हैं। 2019 में ये भगवा खेमे में चले गए।

गौरतलब है कि 1 जून को सातवें और अंतिम चरण में कोलकाता की दो सीटों सहित जिन नौ सीटों पर मतदान होना है, उनमें से बीजेपी 2019 में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।  

बंगाली फिल्म स्टार दीपक अधिकारी ने 2019 में दूसरी बार टीएमसी के सिंबल पर पश्चिम मिदनापुर जिले के घाटल सीट से जीत हासिल की थी। पूरे बंगाल में पार्टी के स्टार प्रचारक बन चुके हैं। उन्होंने कहा, “बीजेपी ने कल से सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ नए आरोप लगाना शुरू कर दिया क्योंकि वह जानती है कि लोग हर जगह टीएमसी का समर्थन कर रहे हैं। भाजपा हार रही है।'' भाजपा ने उनके के खिलाफ पूर्व अभिनेता और विधायक हिरण्मय चट्टोपाध्याय को खड़ा किया है।
 
झारखंड और ओडिशा की सीमा से सटी इन आठ सीटों पर कभी सीपीआई (माओवादी) का गढ़ हुआ करता था। आमतौर पर इसे जंगलमहल के रूप में जाना जाता है। इन इलाकों में बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) आबादी है। पश्चिम मिदनापुर, पुरुलिया, बांकुरा और झाड़ग्राम जिलों में टक्कर की संभावना है।
 
आपको बता दें कि इन आठ सीटों पर अधिकांश मतदाता हिंदू हैं। इन आठ सीटों पर नामशूद्र और दलित मटुआ समुदाय के मतदाता भी शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश या उनके पूर्वज विभाजन के दौरान पूर्वी पाकिस्तान से और 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद बांग्लादेश से शरणार्थी के रूप में आए थे। इन्हें एससी श्रेणी के अंतर्गत रखा गया है।
 
19 मई को पुरुलिया में मतदाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैंने वादा किया था कि मैं शरणार्थी परिवारों को नागरिकता दूंगा। आजादी के बाद से ही देश हमसे यही अपेक्षा कर रहा था। टीएमसी CAA का विरोध कर रही है। टीएमसी, कांग्रेस और वामपंथी आज एक बात सुन लें, जब तक मोदी जीवित है आप कुछ नहीं कर पाएंगे।''