भारत में हाई-स्पीड ट्रेन (बुलेट ट्रेन) का काम तेजी से जारी है। इस बीच खबर है कि रेलवे अपनी बाकी ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ाने की योजना बना रही है। भारतीय रेलवे 220 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेनें के लिए एक खास समर्पित हाई-स्पीड टेस्ट ट्रैक डेवलप कर रहा है। बता दें कि भारत में हाई-स्पीड ट्रेन तीन घंटे में दूरी तय करते हुए 350 किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड से दौड़ेगी। वहीं सामान्य ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ाने का काम जारी है।
जयपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर राजस्थान में जोधपुर मंडल में गुढा-थथाना मीठड़ी के बीच 59 किलोमीटर लंबे डेडिकेटेड ब्रॉड गेज ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। इस ट्रैक का इस्तेमाल आने वाले वर्षों में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के ट्रायल के लिए भी किया जाएगा। भारतीय रेलवे का दावा है कि इस ट्रैक परियोजना के पूरा होने के साथ, भारत "पहला देश होगा जिसके पास रोलिंग स्टॉक के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों की व्यापक परीक्षण सुविधाएं होंगी।"
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई-स्पीड डेडिकेटेड रेलवे ट्रैक में 23 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन, गुढा में एक हाई-स्पीड लूप जो 13 किलोमीटर लंबा होगा, नवा में 3 किलोमीटर का एक त्वरित परीक्षण लूप और मिठड़ी में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप शामिल होगा। उत्तर पश्चिम रेलवे जोन सीपीआरओ के अनुसार, हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक का पहला चरण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। कैप्टन शशि किरण ने टीओआई को बताया, "प्रोजेक्ट अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है और हम दिसंबर 2024 तक दूसरे चरण को पूरा करने की उम्मीद करते हैं।"
भारतीय रेलवे ने कहा है कि हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक ट्रेनों और रोलिंग स्टॉक कंपोनेंट्स जैसे व्यापक परीक्षण सुविधाओं की अनुमति देगा। इसके अलावा, 220 किमी प्रति घंटा ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) और सभी प्रकार के सिग्नलिंग सिस्टम टेस्ट ट्रैक पर प्रदान किए जा रहे हैं। रेलवे ने कहा, "तैयार किए जा रहे टेस्ट ट्रैक सुविधा में ट्रैक आइटम, पुलों, टीआरडी उपकरण, सिग्नलिंग गियर और भू-तकनीकी अध्ययन का परीक्षण भी किया जाएगा।" भारतीय रेलवे ने कहा है कि 31.5 किलोमीटर हाई-स्पीड स्ट्रेच और 3 किलोमीटर एक्सिलरेटेड टेस्टिंग लूप का काम जोरों पर है और दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा।
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