Hindi Newsपश्चिम बंगाल न्यूज़This is useless In the Kolkata case victim lawyer listed the flaws in the Aparajita Bill

'दिखावा कर रहीं ममता', कोलकाता कांड की पीड़िता के वकील ने अपराजिता बिल में गिनाईं खामियां

  • आरजी कर अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और फिर हत्या के मामले को लेकर चौतरफा घिरी ममता सरकार ने मंगलवार को रेप जैसे मामलों में कठोर कानून के लिए 'अपराजिता बिल' पेश किया। इस विधेयक को पीड़िता के वकील ने बेकार बताया है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानWed, 4 Sep 2024 05:33 PM
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कोलकाता में हाल ही में हुए जघन्य रेप और मर्डर केस के बाद पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पेश किए गए अपराजिता बिल पर विवाद गहराता जा रहा है। आरजी कर अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और फिर हत्या के मामले को लेकर चौतरफा घिरी ममता सरकार ने मंगलवार को रेप जैसे मामलों में कठोर कानून के लिए 'अपराजिता बिल' पेश किया। इसे पश्चिम बंगाल की विधानसभा में पास कर दिया गया। अब पीड़िता के परिवार के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा प्रस्तुत इस बिल को बेकार करार दिया है।

सीपीएम नेता और राज्यसभा सांसद रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि यह बिल वास्तव में केंद्रीय सरकार के खिलाफ एक राजनीतिक मोर्चा है, न कि यौन हिंसा की समस्या को गंभीरता से टारगेट करने का प्रयास। उन्होंने आरोप लगाया कि अपराजिता बिल सिर्फ एक सतही उपाय है और इसm मुद्दे की गहराई को छिपाने का काम किया जा रहा है।

भट्टाचार्य ने कहा, “सरकार (ममता सरकार) के पास विधायी शक्ति है और इसलिए इसने एक बिल पेश किया है, लेकिन यह पूरी तरह से बेकार है। कोई एजेंसी सीमित समय में जांच पूरी नहीं कर सकती, इतने कम समय में मुकदमा चलाकर उसे समाप्त नहीं कर सकती। यह बिल केंद्र के खिलाफ लड़ाई का अवसर प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है क्योंकि इसके राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिलने की संभावना नहीं है।”

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल अपराध कानून संशोधन) बिल, 2024 को सर्वसम्मति से मंजूरी दी। इस बिल के तहत, रेप और हत्या के मामलों में मौत की सजा अनिवार्य किए जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा रेप जैसे मामलों में बिल में विशेष न्यायालयों और विशेष कार्यबलों की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है जो यौन हिंसा के मामलों की सुनवाई और जांच करेंगे। बता दें यह बिल कोलकाता में पिछले महीने ट्रेनी डॉक्टर से रेप और फिर हत्या के बाद उठे भारी विरोध के बीच पेश किया गया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रस्तुत इस बिल में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के कई धाराओं में बदलाव का प्रस्ताव है। अपराजिता बिल के तहत रेप, गैंग रेप, एसिड अटैक और पुनरावृत्ति करने वाले अपराधियों के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। अगर रेप के कारण पीड़िता की मौत हो जाती है या उसे स्थायी रूप से विकलांग स्थिति में छोड़ दिया जाता है, तो मौत की सजा समेत उम्रकैद या न्यूनतम 20 साल की सजा प्रस्तावित की गई है। वहीं पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए तीन से पांच साल की जेल की सजा का प्रावधान अपराजिता बिल में है। इस बिल के आने से पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बिल को अमल में लाया जाएगा।

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