पश्चिम बंगाल सरकार ने 31 जुलाई तक बढ़ाया कोरोना लॉकडाउन
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य में लॉकडाउन को 31 जुलाई तक बढ़ाने का आदेश जारी किया है। पश्चिम बंगाल में फिलहाल जारी लॉकडाउन 30 जून...
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य में लॉकडाउन को 31 जुलाई तक बढ़ाने का आदेश जारी किया है। पश्चिम बंगाल में फिलहाल जारी लॉकडाउन 30 जून को समाप्त होने वाला था। राज्य सचिवालय के सामने स्थित सभागार में सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद बनर्जी ने कहा कि नेताओं के बीच विचारों की भिन्नता थी, लेकिन अंतत: तय किया गया कि लॉकडाउन को कुछ ढील के साथ जुलाई के अंत तक बढ़ा दिया जाए।
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के 4930 एक्टिव केस हैं। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से अभी तक 580 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में अभी तक कुल 14728 कोरोना मरीज मिले हैं।
वहीं, पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने निजी और सरकारी अस्पतालों को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने मरीजों को भर्ती करने से इनकार किया तो उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, निजी अस्पतालों द्वारा भर्ती करने और सेवाएं देने से इनकार की घटनाएं सामने आयी हैं और मरीज इन अस्पतालों के इस लापरवाहीपूर्ण रवैये के चलते नुकसान उठाते हैं।
Lockdown in the state extended till 31st July with certain relaxations: West Bengal Government pic.twitter.com/utW4X2u6oT
— ANI (@ANI) June 24, 2020
इस तरह मरीजों को इंकार करना पश्चिम बंगाल क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन, रेगुलेशन एंड ट्रांसपेरेंसी) एक्ट, 2017 और पश्चिम बंगाल क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट रूल्स, 2017 के तहत अपराध है। उसमें कहा गया है, यदि ऐसे अस्पताल के विरूद्ध भर्ती करने या सेवाओं से वंचित करने की कोई रिपोर्ट मिलती है तो उसके विरूद्ध जरूरी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी जिसके तहत लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
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एक अन्य आदेश में विभाग ने कहा, ''...यदि किसी सरकारी अस्पताल के खिलाफ जरूरतमंद मरीज को भर्ती नहीं करने या उसे सेवा नहीं देने की रिपोर्ट मिलती है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध सेवा नियमावली के मुताबिक जरूरी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किये जाने के बाद राज्य सरकार ने 16 मार्च को पश्चिम बंगाल महामारी रोग, कोविड-19 विनियमन, 2020 लागू कर दिया था।