बाबुल सुप्रियो की मांग को राज्यपाल ने ठुकराया, शपथ लेने को लेकर स्थिति अब भी साफ नहीं
अप्रैल महीने की शुरुआत में हुए उपचुनाव में कोलकाता के बालीगंज निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए सुप्रियो का शपथ ग्रहण मुश्किल में पड़ गया है। स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हुई।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक बाबुल सुप्रियो के शपथ लेने को लेकर जारी अनिश्चितता खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। गायक से नेता बने सुप्रियो ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से अनुरोध किया कि वह विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को समारोह की अध्यक्षता करने की अनुमति दें, लेकिन राजभवन ने अनुरोध मानने से इनकार कर दिया।
सुप्रियो ने रविवार सुबह एक ट्वीट में कहा, 'बालीगंज के लोगों के हित की खातिर, जिनके पास सुब्रतो मुखर्जी के निधन के बाद से कई महीने से अपना विधायक नहीं है, मैं महामहिम धनखड़ जी से अपने निर्णय को पलटने और माननीय अध्यक्ष को शपथ कार्यक्रम की अध्यक्षता करने की अनुमति देने का अनुरोध करूंगा, ताकि मैं अपना काम शुरू कर सकूं।'
राज्यपाल ने अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में संवैधानिक सीमाओं का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रियो के अनुरोध को स्वीकार करना संभव नहीं है। धनखड़ ने ट्वीट किया, '161-बालीगंज विधानसभा क्षेत्र से पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुने गए बाबुल सुप्रियो का राज्यपाल से यह सार्वजनिक अनुरोध कि माननीय अध्यक्ष द्वारा शपथ ग्रहण कराने की अनुमति दी जाए, स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि यह संविधान के अनुरूप नहीं है।'
राज्यपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रियो को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. आशीष बनर्जी की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 188 के अनुरूप है। विधानसभा उपाध्यक्ष ने पहले कहा था कि वह माननीय अध्यक्ष (बिमान बनर्जी) की मौजूदगी में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुप्रियो को शपथ दिलाने के लिए तैयार नहीं हैं।
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