अब 'नगरपालिका भर्ती घोटाले' में घिरी ममता सरकार, पंचायत चुनाव से पहले बढ़ी मुसीबत
2021 के विधानसभा चुनावों के बाद हुए 100 से अधिक नगर निकायों के लिए हुए मतदान में, विपक्षी दल केवल एक ही नगर पालिका जीती पाई थी। सीपीआई (एम) को नदिया जिले में ताहेरपुर जीता था।
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लिए नई मुसीबत सामने आई है। बुधवार को राज्य में पंचायत चुनावों की घोषणा से कुछ घंटे पहले, सीबीआई ने बंगाल में 20 स्थानों पर छापे मारे। इसे "नगरपालिका भर्ती घोटाला" कहा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि कि सीबीआई ने छापेमारी में संभावित रूप से आपत्तिजनक दस्तावेजों का एक बड़ा जखीरा जब्त किया है। सीबीआई के हाथ क्या लगा है इसका खुलासा होना बाकी है।
सत्तारूढ़ पार्टी और उसकी सरकार पर केंद्रीय एजेंसी की कई जांच चल रही हैं। इनमें स्कूल शिक्षक भर्ती घोटाले (या एसएससी घोटाला) के साथ-साथ कोयले की तस्करी और मवेशी तस्करी घोटाले सहित कई मामले एक साल से चल रहे हैं। नगरपालिका भर्ती में कथित अनियमितताएं स्पष्ट रूप से एसएससी घोटाले की जांच के हिस्से के रूप में सामने आईं।
सीबीआई और ईडी का आरोप है कि उन्होंने हुगली के टीएमसी नेता अयान सिल से नगरपालिका भर्ती में उल्लंघन दिखाने वाले दस्तावेज बरामद किए हैं। एजेंसियों ने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश खंडपीठ से अपील की है कि वह जांच को आगे बढ़ाने की अनुमति दें। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा एक समीक्षा याचिका दायर की गई थी, लेकिन इसे कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया था।
कहां-कहां हुई छापेमारी?
बुधवार को की गई छापेमारी में दम दम, बिधाननगर, बैरकपुर और हालीशहर सहित उत्तरी 24 परगना जिले की कई नगरपालिकाओं के साथ-साथ नदिया के शांतिपुर और हुगली जिले के चिनसुराह और राज्य नगरपालिका मामलों एवं शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम का कार्यालय शामिल है।
2021 के विधानसभा चुनावों के बाद हुए 100 से अधिक नगर निकायों के लिए हुए मतदान में, विपक्षी दल केवल एक ही नगर पालिका जीती पाई थी। सीपीआई (एम) को नदिया जिले में ताहेरपुर जीता था। टीएमसी ने बाकी हर जगह जीत हासिल की थी। सीबीआई द्वारा बुधवार को मारे गए सभी 14 नगर निकायों पर टीएमसी का नियंत्रण है।
चुनाव में होगा नुकसान?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि छापेमारी का ताजा दौर चिंताजनक था। उन्होंने कहा, “हम बैकफुट पर हैं क्योंकि सीबीआई और ईडी ने हमारे कई नेताओं को गिरफ्तार किया है, हालांकि उनमें से सभी शीर्ष नेतृत्व के स्तर से संबंधित नहीं हैं। इन आरोपों से हमें पंचायत चुनाव में नुकसान होगा।" फिरहाद हाकिम ने छापेमारी को भाजपा द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा करार दिया। हकीम ने कहा, "देश पर शासन करने वाले हर जगह आतंक फैला रहे हैं।" टीएमसी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आश्चर्य जताया कि क्या केंद्रीय एजेंसियां अब लोगों के शौचालयों में घुसेंगी।
बंगाल में पंचायत चुनाव आठ जुलाई को होंगे
पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आठ जुलाई को होंगे। इन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले महत्वपूर्ण मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयुक्त राजीव सिन्हा ने बृहस्पतिवार को कहा कि ग्राम सभाओं के लिए चुनाव एक ही दिन में होंगे और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 जून होगी। मतगणना 11 जुलाई को होगी।
विपक्ष की नामांकन के लिये कम समय की शिकायत
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि नामांकन दाखिल करने के लिए दिया गया समय पर्याप्त नहीं है क्योंकि बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को केवल सात दिनों में 70,000 से अधिक सीटों के लिए नामांकन दाखिल करना होगा। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि इस दलील का मजाक उड़ाया। मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने माना कि मई में होने वाले चुनाव में देरी हुई।
