अब 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' फिल्म पर छिड़ा बवाल, बीजेपी का दावा- इसमें सब कुछ सच है
फिल्म UP में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी द्वारा लिखी और प्रोड्यूस की गई है। वसीम रिजवी ने दिसंबर 2021 में हिंदू धर्म अपना लिया था और अब उनका नाम नारायण सिंह त्यागी है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर एक विवादास्पद फिल्म के निर्देशक और निर्माता को "डराने, धमकाने" का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी को निशाना बनाने वाली एक विवादास्पद फिल्म के निर्देशक और निर्माता को "डराकर" अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन किया गया। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' नाम की फिल्म के ट्रेलर की एक क्लिप साझा करते हुए कहा कि "ट्रेलर में कुछ भी तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं लगता है।"
पुलिस ने निर्देशक सनोज मिश्रा को 30 मई को पश्चिम बंगाल के एमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत नोटिस जारी किया। सनोज मिश्रा पर आरोप है कि वह इस फिल्म के साथ राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आईटी अधिनियम व सिनेमैटोग्राफी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कहा, "द केरला स्टोरी पर प्रतिबंध लगाने के विफल प्रयास के बाद (फिल्म अभी भी सिनेमाघरों में नहीं है क्योंकि मालिकों को दंडात्मक कार्रवाई की धमकी दी जा रही है), ममता बनर्जी का प्रशासन अब राज्य में मौजूदा हालात पर सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के निर्देशक और निर्माता को डरा रहा है। फिल्म निर्माताओं को नोटिस जारी करना गलता है क्योंकि ट्रेलर में कुछ भी तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं लगता है। यह बंगाल में बहुतों का जीवंत अनुभव है।" उन्होंने लिखा, "ममता बनर्जी को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटना बंद करना चाहिए। वह एक नीच निकम्मी सरकार चलाती हैं और यह समय की बात है कि बंगाल के लोग उनके शासन को धूल में मिला देंगे।"
सच्ची घटनाओं पर आधारित होने का दावा करने वाले फिल्म के ट्रेलर में नैरेटर कहता है कि बंगाल "असंगठित हिंदुओं" के लिए "दूसरा कश्मीर" बन गया है। ट्रेलर में एक कैरेक्टर का दावा है कि "रोहिंग्या मुसलमानों के लिए ममता का प्यार" हिंदुओं को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर कर रहा है। ट्रेलर में यह भी आरोप लगाया गया है कि राज्य में तुष्टीकरण की राजनीति के कारण हिंदू त्योहारों पर पाबंदी लग गई है। राज्य को बदनाम करने की कोशिश के आरोपों का जवाब देते हुए डायरेक्टर मिश्रा ने कहा, 'मेरा इरादा राज्य की छवि खराब करने का नहीं है। हमने फिल्म में केवल वे तथ्य दिखाए हैं जिन पर अच्छी तरह से शोध किया गया है।”
सनोज मिश्रा ने कहा कि फिल्म की शूटिंग अभी पूरी नहीं हुई है और वे इसे अगले महीने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को सौंप सकते हैं। यह फिल्म उत्तर प्रदेश में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व वसीम रिजवी) द्वारा लिखी और प्रोड्यूस की गई है। वसीम रिजवी ने दिसंबर 2021 में हिंदू धर्म अपना लिया था और अब उनका नाम नारायण सिंह त्यागी है।