अनुब्रत मंडल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, फिर भी जेल में ही रहेंगे TMC नेता; क्या वजह?
हालांकि, जमानत के बावजूद मंडल जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी गिरफ्तार किया है। प्रवर्तन निदेशालय भी सीबीआई के साथ मिलकर इस मामले की जांच कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट (SC) के जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने आज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अनुब्रत मंडल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले में जमानत दे दी। यह मामला कथित भारत-बांग्लादेश सीमा मवेशी तस्करी घोटाले से जुड़ा है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में "जल्द ट्रायल शुरू होने की संभावना नहीं है।" हालांकि, जमानत के बावजूद मंडल जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी गिरफ्तार किया है। प्रवर्तन निदेशालय भी सीबीआई के साथ मिलकर इस मामले की जांच कर रहा है।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की पीठ ने मंडल को इस आधार पर राहत दी कि मामले की सुनवाई में समय लगेगा और वह दो साल से जेल में हैं। शीर्ष अदालत ने मंडल को जांच में सहयोग करने और पासपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया। मंडल की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि मामले में चार आरोप पत्र दायर किए जा चुके हैं और तृणमूल नेता (मंडल) को छोड़कर सभी आरोपी जेल से बाहर हैं।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने जमानत अर्जी का विरोध किया और कहा कि मंडल एक बहुत प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ में शामिल थे। सीबीआई ने दावा किया था कि मंडल पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी के मुख्य सूत्रधार थे। हालांकि, मंडल के वकील ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि इस संबंध में कोई सबूत नहीं मिला है।
क्या है पूरा मामला?
पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस के एक प्रमुख नेता और सत्तारूढ़ पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी गिरोह में शामिल होने के आरोपी में से एक हैं, जिसमें कथित तौर पर बीरभूम के रास्ते बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी शामिल थी। कथित मवेशी तस्करी गिरोह में टीएमसी नेता की संलिप्तता की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी दोनों द्वारा की जा रही है। मंडल को अगस्त 2022 में सीबीआई ने और नवंबर 2022 में ईडी ने गिरफ्तार किया था। इस साल जनवरी में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। बाद में, मंडल को आसनसोल के एक स्थानीय सुधार गृह से राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां वह वर्तमान में बंद हैं।
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