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रणनीति: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को अभी और झटके देगी भाजपा, अमित शाह की पार्टी कोर कमेटी के साथ बैठक

पश्चिम बंगाल में अपनी चुनावी तैयारियों को मजबूत करने में जुटी भाजपा ने शुक्रवार शाम को दिल्ली में अहम बैठक की है। गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर हुई इस बैठक में प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय,...

रणनीति: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को अभी और झटके देगी भाजपा, अमित शाह की पार्टी कोर कमेटी के साथ बैठक
विशेष संवाददाता,नई दिल्लीSat, 16 Jan 2021 02:29 AM
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पश्चिम बंगाल में अपनी चुनावी तैयारियों को मजबूत करने में जुटी भाजपा ने शुक्रवार शाम को दिल्ली में अहम बैठक की है। गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर हुई इस बैठक में प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष समेत कोर कमेटी के सभी प्रमुख नेता मौजूद रहे। बैठक में तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आने के इच्छुक कुछ सांसदों और विधायकों के मुद्दे के अलावा भावी चुनावी रणनीति को लेकर भी चर्चा की गई है।

तृणमूल कांग्रेस में अंदरूनी असंतोष का भाजपा पूरा फायदा उठा रही है। उसके कई नेताओं को अपने पाले में ला रही है। कुछ नेता तो माहौल को देखकर पाला बदलने में लगे हुए हैं। भाजपा के लिए यह अच्छी स्थिति है। हालांकि, वह किसी भी नेता को अपनी पार्टी में शामिल करने से पहले प्रदेश के नेताओं की राय को महत्व दे रही है। यही वजह है कि कुछ नेताओं का प्रवेश रोक दिया गया है। अब जबकि तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक और कुछ सांसद भाजपा के संपर्क में हैं तो उनको भी पूरी छानबीन के बाद ही लिया जा रहा है।

हालांकि, राज्य में भाजपा को अभी दूसरे दलों के प्रमुख नेताओं की जरूरत है, क्योंकि उसका संगठन भी उतना मजबूत नहीं है। उसके नेता भी प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में इतना प्रभाव नहीं रखते हैं कि वे चुनावी जीत का सफर तय कर सकें। हालांकि, केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया है, लेकिन चुनावी लड़ाई के लिए उसे स्थानीय नेताओं-उम्मीदवारों और समर्थकों की जरूरत है। यही वजह है कि पार्टी में लगातार तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वामपंथी दलों से नेताओं को शामिल किया जा रहा है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अपने आवास पर प्रदेश कोर ग्रुप के नेताओं के साथ बैठक की है। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के कुछ सांसदों ने भाजपा में आने की संभावना है। पार्टी के प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने हाल में दावा किया था कि तृणमूल कांग्रेस के 41 विधायक भाजपा के संपर्क में है। इतनी बड़ी संख्या में विधायकों की बगावत होती है तो राज्य की ममता बनर्जी सरकार के लिए खतरा भी हो सकता है। हालांकि, भाजपा नहीं चाहती है कि चुनाव तक कोई ऐसी स्थिति बने, जिससे ममता बनर्जी को लाभ मिले।

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