इस्तीफे के बाद ममता के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी को डर, 'झूठे केस में फंसाया जा सकता है'
बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद तृणमूल कांग्रेस के बागी नेता शुभेंदु अधिकारी को डर सता रहा है कि ममता सरकार अब उनसे बदला ले सकती है। शुभेंदु ने इस्तीफे के बाद कहा है कि उन्हें डर है कि...
बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद तृणमूल कांग्रेस के बागी नेता शुभेंदु अधिकारी को डर सता रहा है कि ममता सरकार अब उनसे बदला ले सकती है। शुभेंदु ने इस्तीफे के बाद कहा है कि उन्हें डर है कि उनका राजनीति रुख बदलने के बाद अब पश्चिम बंगाल की पुलिस उन्हें फर्जी और झूठे आपराधिक मामलों में फंसा सकती है। अधिकारी ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकर को चिट्ठी लिख मदद मांगी है।
राज्यपाल जगदीप धनकर ने यह चिट्ठी ट्वीट की है। इस चिट्ठी में शुभेंदु अधिकारी ने लिखा है, 'संवैधानिक रूप से इस राज्य के मुखिया से मदद मांगने के लिए मैं विवश हूं ताकि राज्य की पुलिस और प्रशासन को राजनीतिक कारणों और प्रतिशोध की भावना से मुझे और मेरे सहयोगियों को आपराधिक मामलों में फंसाने से रोका जा सके।' अधिकारी ने कहा, 'मेरे बदले राजनीतिक रुख की वजह से अब वे लोग मुझसे बदला ले सकते हैं जो प्रशासन तंत्र में हैं।'
Suvendu Adhikari former minister @MamataOfficial has by way of representation sought my intervention so that police @WBPolice @KolkataPolice and administration are dissuaded from implicating him and associates in criminal cases out of political vendetta.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) December 16, 2020
Taking expected steps. pic.twitter.com/NXwH914Eog
इस चिट्ठी के जवाब में राज्यपाल धनकर ने उन्हें सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
बता दें कि इससे पहले राज्य के क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ने 2019 के एक हत्या के मामले में टीएमसी छोड़ बीजेपी का हाथ थामने वाले बंगाल के कद्दावर नेता मुकुल रॉय पर भी मामला दर्ज किया था। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा) के तहत केस दर्ज किया गया था।
बीजेपी में शामिल हो सकते हैं शुभेंदु अधिकारी
बता दें कि पूर्वी मेदिनीपुर जिले में नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पिछले महीने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और वह पिछले कुछ समय से पार्टी नेतृत्व से दूरी बरत रहे थे। वह बुधवार शाम राज्य विधानसभा आए और विधानसभा के सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा। शुभेंदु अधिकारी ने 2009 में नंदीग्राम में वाम मोर्चा की सरकार के खिलाफ भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन में ममता बनर्जी की मदद की थी और इसके बाद तृणमूल कांग्रेस 2011 में सत्ता में आई। अधिकारी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एक या दो दिनों में उनके पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देने की संभावना है और आने वाले दिनों में वह भाजपा से जुड़ सकते हैं।