'आम आदमी के धैर्य की परीक्षा ना लें', पश्चिम बंगाल गवर्नर की ममता सरकार को दो टूक
गवर्नर ने कहा कि पीड़ित माता-पिता ने मुझे कुछ ऐसी बातें बताई हैं जो दिल दहलाने वाली हैं। उन्होंने लिखित में भी दिया है जिसे मैंने गृहमंत्री के समक्ष उठाया है। 2 दिनों के भीतर हमने कार्रवाई होते हुए देखी। हम उनकी भावनाओं को समझते हैं। वे इस मामले में न्याय चाहते हैं। पूरा बंगाली समाज न्याय चाहता है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पिछले महीने एक ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के बाद जारी विरोध प्रदर्शनों से निपटने के तरीके को लेकर ममता सरकार की फिर से आलोचना की है। गुरुवार को गवर्नर बोस ने कहा कि राज्य में कानून तो है, लेकिन उसका सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस का एक हिस्सा अपराधी और राजनीतिक हो गया है।
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार गवर्नर बोस ने कहा, "गलत काम करने वालों के खिलाफ मुकदमा होना चाहिए। उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए। लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि वे सरकार से न्याय की उम्मीद कर सकते हैं, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। आज बंगाल की स्थिति यह है कि कानून तो है लेकिन उसका ठीक से पालन नहीं हो रहा है या फिर कुछ लोगों को कानून के तहत सुरक्षा प्रदान की जा रही है।"
उन्होंने कहा कि पुलिस का एक हिस्सा भ्रष्ट है, जबकि एक हिस्से का अपराधीकरण हो चुका है और एक हिस्से का राजनीतिकरण हो चुका है। बोस ने यह भी कहा कि उन्होंने पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें कुछ ऐसी बातें बताईं जो बहुत ही हृदय विदारक हैं। गवर्नर ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी बैठक में इन बातों को उठाया है।
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बोस ने कहा, "पीड़िता के माता-पिता ने मुझे कुछ ऐसी बातें बताई हैं जो दिल दहलाने वाली हैं। उन्होंने मुझे लिखित में भी दिया है जिसे मैंने गृह मंत्री के समक्ष उठाया है। दो दिनों के भीतर ही हमने कार्रवाई होते हुए देखी। हम उनकी भावनाओं को समझते हैं। वे इस मामले में न्याय चाहते हैं। पूरा बंगाली समाज न्याय चाहता है। न्याय होगा। न्याय होना चाहिए।"
बोस ने टिप्पणी की कि पश्चिम बंगाल सरकार का रुख “बद से बदतर होता जा रहा है।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि व्यवस्था में जनता के विश्वास की कमी के कारण ही हाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। उन्होंने कहा, “आज मैं पश्चिम बंगाल में, खासकर प्रशासन में, जो देख रहा हूं वह बद से बदतर होता जा रहा है। उन्हें यह समझना चाहिए कि दो गलत चीज़ें, गलत ही रहेंगी भले ही वे परस्पर विरोधाभासी ही क्यों न हों। सरकार को कार्रवाई करनी होगी और लोगों को विश्वास में लेना होगा। सजा दी जानी चाहिए।’’
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बोस ने कहा कि बंगाल के लोगों को अब यह नहीं लगता कि वे सरकार से न्याय की उम्मीद कर सकते हैं और यह भावना व्यापक विरोध प्रदर्शनों में परिलक्षित होती है। इसके अलावा राज्यपाल ने राज्य की ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार को लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेने की भी चेतावनी दी। उन्होंने दो टूक कहा, "यह वही जगह है, जहां लोगों ने बढ़-चढ़कर सामाजिक आंदोलनों में हिस्सा लिया है। मुझे यकीन है कि लोगों की आवाज भगवान की आवाज है। लोग कार्रवाई चाहते हैं, कार्रवाई के लिए कोई बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए।" उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, लोगों के धैर्य की परीक्षा न लें।"
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