By Rakhi
PUBLISHED November 21, 2023

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शाम की पूजा में घंटी क्यों नहीं बजानी चाहिए?

हिंदू धर्म में लोग नियमित रूप से सुबह-शाम देवी-देवताओं की पूजा आरती करते हैं।

पूजा

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धर्म ग्रंथों में देवी देवताओं की प्रात:काल और संध्याकाल की पूजा के नियम अलग बताए गए हैं।

पूजा के नियम

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माना जाता है कि सिर्फ प्रात:काल की पूजा में घंटी बजानी चाहिए, क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।

पूजा में घंटी

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वहीं संध्या बेला की पूजा आरती में घंटी नहीं बजानी चाहिए। ऐसा क्यों है, आइए जानते हैं।

संध्या पूजा में घंटी

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शाम का समय देवी-देवताओं के सोने का समय होता है, उस समय घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए।

घंटी बजाना

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पितृ देवों को अस्तित्व में लाने के लिए शांति और सामंजस्य की आवश्यकता होती है। 

शांति और सामंजस्य

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अगर शाम के समय पूजा में घंटी बजाएंगें तो शांति और सामंजस्य विघटित हो सकता है, जिससे पितृ देवों को असंतोष होगा।

घंटी ना बजाएं

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यह भी कहा जाता है कि शाम की पूजा पितृ देवों की पूजा होती है।

पितृ देव की पूजा

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यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।

नोट

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