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Faith शाम की पूजा में घंटी क्यों नहीं बजानी चाहिए?
हिंदू धर्म में लोग नियमित रूप से सुबह-शाम देवी-देवताओं की पूजा आरती करते हैं।
पूजा
Pic Credit: Shutterstock धर्म ग्रंथों में देवी देवताओं की प्रात:काल और संध्याकाल की पूजा के नियम अलग बताए गए हैं।
पूजा के नियम
Video Credit: Pexels माना जाता है कि सिर्फ प्रात:काल की पूजा में घंटी बजानी चाहिए, क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।
पूजा में घंटी
Pic Credit: Shutterstock वहीं संध्या बेला की पूजा आरती में घंटी नहीं बजानी चाहिए। ऐसा क्यों है, आइए जानते हैं।
संध्या पूजा में घंटी
Pic Credit: Shutterstock धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शाम का समय देवी-देवताओं के सोने का समय होता है, उस समय घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए।
घंटी बजाना
Pic Credit: Shutterstock पितृ देवों को अस्तित्व में लाने के लिए शांति और सामंजस्य की आवश्यकता होती है।
शांति और सामंजस्य
Pic Credit: Shutterstock अगर शाम के समय पूजा में घंटी बजाएंगें तो शांति और सामंजस्य विघटित हो सकता है, जिससे पितृ देवों को असंतोष होगा।
घंटी ना बजाएं
Pic Credit: Shutterstock यह भी कहा जाता है कि शाम की पूजा पितृ देवों की पूजा होती है।
पितृ देव की पूजा
Pic Credit: Shutterstock यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
नोट
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