शिव पुराण के अनुसार, कई वस्तुओं को शिवलिंग पर चढ़ाने की मनाही है। इनमें से एक नारियल भी है।
शिव पुराण
धर्म विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर नारियल को आधा काटकर चढ़ाया जाए तो वह भगवान शिव द्वारा स्वीकार्य होता है।
शिवलिंग पर नारियल
आज हम आपको बताएंगे कि क्यों आधा कटा हुआ नारियल शिवलिंग पर चढ़ाया जा सकता है?
आधा कटा नारियल
शास्त्रों में नारियल को श्रीफल कहा गया है। नारियल को मां लक्ष्मी का प्रतीक भी मानते हैं।
मां लक्ष्मी का प्रतीक
भगवान शिव वैरागी होने के कारण माता लक्ष्मी को सिर्फ बेलपत्र की पत्तियों में निवास दिया है। क्योंकि माता लक्ष्मी का वैराग्य से कोई नाता नहीं है।
बेलपत्र की पत्तियों में निवास
शिव जी की पूजा में नारियल जरूर वर्जित माना गया है। लेकिन आधा कटा हुआ नारियल चढ़ाते हैं, तो वह शिव जी के नेत्रों का प्रतीक बन जाता है।
शिव जी के नेत्रों का प्रतीक
नारियल को दो भाग में करने पर वह शिव जी के सामान्य नेत्रों का प्रतीक माना जाता है, जिसे देवों के देव महादेव स्वीकार करते हैं।
शिव जी करते हैं स्वीकार
धर्म विशेषज्ञों के मुताबिक, शिवलिंग पर आधा कटा हुआ नारियल या फिर नारियल को 2 भागों में करके चढ़ाने से बाधाओं का नाश होता है और नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है।
आधा कटा नारियल चढ़ाने के फायदे
यह जानकारी सिर्फ मान्याताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
नोट
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