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Faith बसौड़ा पर क्यों लगाते हैं बासी खाने के भोग?
हिंदू धर्म में बसोड़ा पर्व का काफी महत्व होता है। इस पर्व को शीतला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।
बसौड़ा
इस साल शीतला अष्टमी का पर्व 22 मार्च दिन शनिवार को है।
तिथि
यह पर्व मां शीतला की पूजा के लिए समर्पित होता है। पौराणिक मान्यता है कि शीतला माता, देवी पार्वती का ही रूप हैं।
पौराणिक मान्यता
इस दिन शीतला माता को बासी खाने की भोग लगाया जाता है। चलिए जानते हैं ऐसा क्यों?
बासी खाने का भोग
पौराणिक मान्यता है कि माता शीतला को भी बासी भोजन पसंद है और उन्हें इसी का भोग लगाया जाता है।
पसंद
इस दिन चूल्हा नहीं जलाते और केवल बासी खाना ही खाते हैं।
केवल बासी खाना
इसके पीछे पौराणिक मान्यता है कि उष्मा या गर्मी से त्वचा संबंधी रोग होते हैं इसलिए इस दिन बासी और ठंडी तासीर वाली चीजें खाई जाती हैं।
ठंडी तासीर
शीतला सप्तमी से एक दिन पहले ओलिया, खाजा, चूरमा, मगद, नमक पारे, शक्कर पारे, बेसन चक्की, पुए, पकौड़ी, बाजरे की रोटी बनाई जाती हैं।
क्या बनाएं
शीतला अष्टमी के दिन ठंडे पानी से नहाने के बाद इन सभी चीजों का भोग शीतला माता को लगाया जाता है।
मां शीतला को भोग
यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।
नोट
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Click Here ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मूंगा रत्न का काफी महत्व होता है। यह एक कीमती रत्न है, जिसका रंग लाल, गुलाबी और नारंगी हो सकता है।
महत्व
ज्योतिष शास्त्र में मूंगा को मंगल ग्रह से जोड़कर देखा जाता है, जो साहस, ऊर्जा, आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय का प्रतीक होता है।
मंगल ग्रह से नाता
मंगल ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के कई क्षेत्रों पर पड़ता है, जैसे करियर, स्वास्थ्य, वैवाहिक जीवन और मानसिक शक्ति।
प्रभाव
यदि किसी की कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो या मांगलिक दोष हो, तो ज्योतिषाचार्य मूंगा रत्न धारण करने की सलाह देते हैं।
अशुभ स्थिति
लेकिन मूंगा रत्न को धारण करने से पहले इसके नियमों और विधियों का पालन करना अति आवश्यक है।
नियम
यदि आपको ऐसी कोई ग्रह दोष की समस्या नहीं है, तो आपको मूंगा धारण करने से बचना चाहिए।
न करें धारण
जैसा कि मूंगा रत्न को मंगल का रत्न माना जाता है, इसलिए मंगलवार का दिन इसे धारण करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
शुभ दिन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मूंगा रत्न को शुक्ल पक्ष के दौरान किसी शुभ मुहूर्त में पहनना शुभ होता है, जिसे इसका सकारात्मक प्रभाव मिले।
शुभ मुहूर्त
मूंगा रत्न को हमेशा गंगाजल या शुद्ध जल में धोकर शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद मंगल मंत्र का जाप करके उसे दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।
किस हाथ में पहनें
यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।
नोट
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