मंदिर की छतों को गोल आकार में क्यों बनाया जाता है? जानिए वैज्ञानिक कारण
हिंदू धर्म में मंदिरों का अलग ही महत्व है। आप जब किसी मंदिर में जाते हैं, तो आपको एक चीज बहुत कॉमन दिखाई देती होगी, वो है दिरों की छतों का गुंबदनुमा या गोलाकार डिजायन में बना होना।
मंदिर की छत
मंदिर की तरह मस्जिद की भी छत गुंबद की तरह होती है। बता दें कि धार्मिक स्थलों पर गुंबद बनाने के पीछे कई कारण हैं।
मस्जिद का डिजाइन
बता दें कि धार्मिक स्थलों की छत गोल होने के कारण अंदर में हवा और प्रकाश दोनों अच्छे से फैलती है।
हवा और प्रकाश
वैज्ञानिकों के मुताबिक, किसी भी प्राकृतिक आपदा जैसे कि आंधी-तूफान, बिजली और बारिश आदि का प्रभाव गुंबद पर बहुत कम पड़ता है।
धार्मिक स्थान की सुरक्षा
गोलाकार या गुंबदनुमा आकार की छत बनाने के पीछे का कारण यही है कि छत का भार इमारत की सभी दीवारों पर समान रूप से पड़ता है और स्ट्रेस पॉइन्ट्स कम हो जाता है।
छत की भार
मंदिर या मस्जिदों की छत को गोलाकार या गुंबदनुमा बनाने से ये इमारत प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर पाते हैं और इनके ढहने की संभावना कम हो जाती है।
प्राकृतिक आपदा से बचाव
मंदिर या मस्जिदों पर गुंबद बनाने से ना केवल इमारत की सुंदरता और भव्यता बढ़ जाती है, बल्कि इससे मजबूती भी मिलती है।
गुंबद से मजबूती
गुंबदनुमा छत होने के कारण मंदिर या मस्जिद में आवाज काफी अच्छे से फैलती है। मंदिर में मंत्रोच्चार से लेकर घंटी की आवाज चारों तरफ गूंजती है। वहीं मस्जिद इमाम की आवाज अच्छे से फैलती है।
फैलती है आवाज
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