By Navaneet Rathaur
PUBLISHED April 12, 2025

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कानपुर से लेकर नागपुर, भारत के कई शहरों का नाम में पुर क्यों लगा है?

भारत विविधता में एकता वाला देश है। हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न धर्म और जातियों के लोग रहते हैं।

विविधता वाला देश

हालांकि, विविधता वाले देश भारत में ऐसी कई चीजें हैं, जो बहुत ही कॉमन हैं। उदाहरण के लिए अलग-अलग राज्यों के होते हुए भी कई शहरों के नाम के पीछे पुर लगा होता है।

शहरों के नाम के पीछे पुर

कानपुर, जबलपुर, जयपुर, रायपुर आदि ऐसे कई शहर हैं, जो अलग-अलग राज्यों में होने के बाद भी नाम के कारण एक जैसे लगते हैं।

पुर से खत्म होने वाले शहर

कई लोगों के मन में सवाल रहता है कि शहरों के नाम के पीछे 'पुर' क्यों लगा रहता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

क्यों लगाया जाता है पुर?

शहरों के पीछे 'पुर' लगाने की परंपरा सदियों पहले से चली आ रही है। 'पुर' का मतलब होता है शहर या फिर किला।

पुर का मतलब

बता दें कि 'पुर' एक संस्कृत का शब्द है और इसका उल्लेख ऋगवेद में भी मिलता है। पहले के समय में राजा अपने राज्य के नाम के पीछे 'पुर' शब्द इस्तेमाल जरूर करते थे।

ऋगवेद में उल्लेख

महाभारत काल में भी पुर शब्द का इस्तेमाल हस्तिनापुर के लिए हुआ था। बीतते समय के साथ आज भी इस परंपरा को निभाया जा रहा है।

महाभारत काल में इस्तेमाल

भारत में पुर के अलावा 'आबाद' भी एक ऐसा शब्द है, जो कुछ शहरों के नाम के पीछे जुड़ा होता है। जैसे कि हैदराबाद, फैजाबाद, अहमदाबाद।

आबाद

बता दें कि आबाद एक फारसी शब्द है, जिसका अर्थ पानी होता है। मतलब वह जगह शहर, प्रांत या फिर गांव जहां पर पानी मौजूद हो, जिससे कि जीवनयापन हो सके।

आबाद का मतलब

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