By Navaneet Rathaur
PUBLISHED March 22, 2025

LIVE HINDUSTAN
Trending

लाल हो या हरी, मिर्च तीखी ही क्यों होती है?

भारतीय व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने और उनमें तीखापन लाने के लिए मिर्ची का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, कई लोग मिर्ची इस डर से नहीं खाते हैं, क्योंकि यह बहुत तीखी होती है।

मिर्ची का तीखापन

अगर आपसे यह सवाल किया जाए मिर्ची हरी हो या चाहे लाल इसका स्वाद तीखा क्यों होता है, तो इसका क्या जवाब होगा।

लाल और हरी मिर्ची

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि मिर्च का स्वाद तीखा क्यों होता है?

मिर्ची क्यों तीखी होती है?

बता दें साधरण तौर पर खाने में दो तरह की मिर्ची का इस्तेमाल होता है, लाल और हरा। कहा जाता है कि मिर्च के बीज वाले हिस्से में कैप्साइसिन नमक एक कंपाउंड होता है।

कैप्साइसिन

कैप्साइसिन ऐसा कंपाउंड होता है, जिसकी तासीर गर्म होती है। ऐसे में जब भी कोई व्यक्ति मिर्च खाता है, तो कैप्साइसिन जीभ या त्वचा पर असर डालता है जिसकी वजह से तीखापन महसूस होता है।

तीखापन

भारतीय मसालों में शामिल काली मिर्च एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल लगभग हर हर में होता है। काली मिर्च भी कुछ हद तक हरी मिर्च के सामान ही तीखा होता है।

मिर्ची की तरह काली मिर्च

दरअसल, काली मिर्च में पिपेरिन नामक तीखापन रासायनिक और साथ में कैप्साइसिन भी मौजूद होता है, जिससे काली मिर्च तीखी लगती है।

काली मिर्च में तत्व

बता दें कि मिर्ची या फिर काली मिर्च की तरह ही लौंग एक तीखा मसाला है। इसमें भी हरी-मिर्च और काली मिर्च की तरह रसायन मौजूद होते हैं।

लौंग का तीखापन

अगर आप लौंग को साबुत खाते हैं, तो इसका तीखा स्वाद आप अनुभव करेंगे। हालांकि, लौंग मिर्ची और काली मिर्च की तुलना में कम तीखा होता है।

कम तीखा

मधुमक्खी की तरह शहद बनाती हैं ये चींटियां

Click Here