By Navaneet Rathaur
PUBLISHED Oct 1, 2024

LIVE HINDUSTAN
Trending

महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि कैसे मिली?

हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। अंग्रेजों की गुलामी से भारत को आजादी दिलाने में गांधी जी का अहम योगदान था।

गांधी जयंती

गुजरात के पोरबंदर में जन्में मोहनदास करमचंद गांधी को बापू, महात्मा और राष्ट्रपिता की संज्ञा और उपाधि दी गई।

मोहनदास करमचंद गांधी

आज हम आपको बताएंगे कि महात्मा गांधी जी को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने और कब दी?

राष्ट्रपिता की उपाधि

इतिहास के मुताबिक, महात्मा गांधी जी को पहली बार राष्ट्रपिता सुभाष चंद्र बोस ने बोला था। सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रपिता का संबोधन उनके सम्मान में किया था।

सुभाष चंद्र बोस

कस्तूरबा गांधी की मौत के बाद गांधी जी की तबीयत भी खराब बनी हुई थी। इसकी जानकारी जब सुभाष चंद्र बोस जी को हुई, तो उन्होंने रेडियो रंगून के माध्यम से गांधी जी के लिए एक भावुक संदेश दिया था।

भावुक संदेश

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने उस भावुक संदेश में कहा कि दुनियाभर के हिंदुस्तानी आपके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।

स्वास्थ्य को लेकर चिंतित

अंग्रेजों की जेल में श्रीमती कस्तूरबा जी की मृत्यु के बाद देशवासियों के लिए आपके स्वास्थ्य के बारे में चिंतित होना स्वाभाविक था। ये ईश्वर की कृपा है कि आपके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।

सेहत में सुधार

नेता जी ने कहा था कि अब हिंदुस्तानियों को आपका मार्गदर्शन मिल सकेगा। भारत की आजादी की अंतिम लड़ाई शुरू हो चुकी है।

हिंदुस्तानियों को मार्गदर्शन

आजाद हिंद फौज के लोग बहादुरी से लड़ रहे हैं, वो आगे बढ़ते जा रहे हैं। ये संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक नई दिल्ली के वायसराय हाउस पर तिरंगा लहराने नहीं लगता है।

आजाद हिंद फौज

बता दें कि उसी भावुक संदेश के अंतिम में नेता जी ने कहा कि  "हमारे राष्ट्रपिता, भारत की स्वतंत्रता के इस युद्ध में आपका आशीर्वाद और आपकी शुभकामनाएं मांगते हैं।"

राष्ट्रपिता का आशिर्वाद

फ्लाइट में खाने का स्वाद क्यों नहीं मिलता है? जानिए वजह

Click Here