अमेरिका और कनाडा के बीच डोनट वॉर क्यों छिड़ गया था?
अमेरिका में डंकिन डोनट्स और कनाडा में टिम हॉर्टन्स डोनट संस्कृति के प्रतीक हैं। दोनों देश डोनट को अपनी पहचान मानते हैं। इस गर्व ने प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया।
डोनट वॉर
आज हम आपको बताएंगे कि अमेरिका और कनाडा, दो पड़ोसी देश, डोनट को लेकर क्यों भिड़ गए? यह 'डोनट वॉर' व्यापार, संस्कृति और प्रतिद्वंद्विता की एक रोचक कहानी है।
डोनट वॉर की अनोखी कहानी
1990 के दशक में टिम हॉर्टन्स ने अमेरिका में और डंकिन डोनट्स ने कनाडा में विस्तार शुरू किया। दोनों ब्रांड्स ने एक-दूसरे के बाजार में घुसपैठ करने से प्रतिस्पर्धा बढ़ा।
बाजार पर कब्जा
अभी हाल ही में, अमेरिका ने कनाडाई उत्पादों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया, जिसमें खाद्य सामग्री शामिल थी। कनाडा ने जवाबी टैरिफ लगाए और इसका असर डोनट उद्योग पर पड़ा।
टैरिफ और व्यापार युद्ध
अमेरिकी डोनट्स को मीठा और चमकदार, जबकि कनाडाई डोनट्स को सादगी भरा माना जाता है। दोनों देशों के ग्राहकों ने अपने डोनट्स को बेहतर बताने की होड़ शुरू कर दी।
डोनट की गुणवत्ता
डोनट्स को बेहतर बताने का नतीजा ये हुआ कि सोशल मीडिया पर 'डोनट वॉर' ट्रेंड करने लगा। कनाडा में टिम हॉर्टन्स डोनट बाजार का बादशाह है। लेकिन अमेरिका में भी इसकी लोकप्रियता बढ़ गई है।
टिम हॉर्टन्स
डंकिन डोनट्स ने कनाडा में नए स्टोर खोले और स्थानीय स्वाद जैसे मेपल डोनट्स पेश किए। यह कनाडाई बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने की रणनीति थी।
डंकिन का जवाबी हमला
हाल ही में ट्रंप प्रशासन के टैरिफ और कनाडा को फाइव आईज से हटाने की धमकी ने तनाव बढ़ाया, जिससे डोनट के व्यापारिक और सांस्कृतिक अस्मिता को लेकर बहस शुरू हो गया।
राजनीति और डोनट्स
हालांकि, डोनट ब्रांड्स ने संयुक्त प्रचार और स्थानीय सहयोग शुरू किए। दोनों देशों के व्यापार संगठनों ने टैरिफ कम करने की बातचीत शुरू की।
समाधान की कोशिशें
डोनट वॉर ने दिखाया कि छोटी चीजें भी बड़े विवाद का कारण बन सकती हैं। व्यापार, संस्कृति और राजनीति के बीच संतुलन जरूरी है।
डोनट्स से सीख
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