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Faith प्रेमानंद: तीर्थयात्रा में महिलाओं को मासिक धर्म आए, तो क्या करें?
प्रेमानंद महाराज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। लोग उनके दर्शन करने के लिए दूर-दूर करने आते हैं।
दर्शन
प्रेमानंद महाराज से एक एक महिला भक्त ने पूछा कि तीर्थयात्रा में महिलाओं को मासिक धर्म आए, तो क्या करें?
मासिक धर्म
इस सवाल पर प्रेमानंद जी ने कहा कि भगवान का दर्शन करने का सौभाग्य तो नहीं छोड़ना चाहिए।
सौभाग्य
उन्होंने आगे कहा कि मासिक धर्म एक शारीरिक प्रक्रिया है जो प्रत्येक माताओं बहनों के शरीर में स्वाभाविक आती है।
शारीरिक प्रक्रिया
वो कहते है कि अब अचानक ऐसी स्थिति आ गई है, तो हमें लगता है कि स्नान करके दर्शन कर लेना चाहिए।
दर्शन
महाराज जी कहते हैं कि हालांकि दूर से ही दर्शन करें।
दूर से दर्शन
वो कहते हैं कि कोई सेवा या सामग्री देना न करें और न स्पर्श करें।
स्पर्श करें
प्रेमानंद महाराज ने आगे ये भी बताया कि मासिक धर्म कोई निंदनीय बात नहीं है।
निंदनीय
वो कहते हैं कि ये तो वंदनीय बात है।
वंदनीय
यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।
नोट
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