हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।
अर्थ
मान्यता है कि इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य का अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है।
लाभ
साथ ही इसका का जप करने वाले को लंबी उम्र मिलती है।
लंबी उम्र
इस मंत्र के जप से रोगों का नाश होता है और मनुष्य निरोगी बनता है। शारीरिक के साथ मानसिक शांति भी मिलेगी।
रोगों का नाश
महामृत्युंजय मंत्र का जाप हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करना चाहिए।
सही दिशा
इस मंत्र का 108 बार रोजाना जाप करने से मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
कितनी बार करें जाप
यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।