By Dheeraj Pal
PUBLISHED April 13, 2025

LIVE HINDUSTAN
Faith

महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के फायदे व नियम

भगवान शिव के कई शक्तिशाली मंत्र हैं। जिनके जाप से महादेव की कृपा बरसती है। इन्हीं में से एक है महामृत्युंजय मंत्र।

शक्तिशाली मंत्र

महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में मिलता है।

मंत्र का उल्लेख

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

महामृत्युंजय मंत्र

हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।

अर्थ

मान्यता है कि इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य का अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है।

लाभ

साथ ही इसका का जप करने वाले को लंबी उम्र मिलती है।

लंबी उम्र

इस मंत्र के जप से रोगों का नाश होता है और मनुष्य निरोगी बनता है। शारीरिक के साथ मानसिक शांति भी मिलेगी।

रोगों का नाश

महामृत्युंजय मंत्र का जाप हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करना चाहिए।

सही दिशा

इस मंत्र का 108 बार रोजाना जाप करने से  मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

कितनी बार करें जाप

यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें। 

नोट

तुलसी में कलावा बांधने से क्या होता है? 

Click Here