भारत का एक ऐसा गांव, जहां मस्जिद में दिखेंगे गणेश भगवान
महाराष्ट्र की सियासत में इस समय औरंगजेब विवाद का मुद्दा काफी चर्चा में है। कई हिंदू संगठन औरंगजेब की कब्र को खुल्दाबाद से हटाने की मांग कर रहे हैं।
महाराष्ट्र की सियासत
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औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग का कई मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया है। हालांकि, महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक ऐसा गांव है, जो दशकों से हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का संदेश दे रहा है।
औरंगजेब की कब्र
बता दें कि इस गांव की मस्जिदों में बीते 40 सालों से गणपति प्रतिमा स्थापित की जाती है और हिंदू और मुस्लिम मिलकर पूजा करते हैं।
मस्जिद में भगवान गणेश
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बता दें कि महाराष्ट्र के सांगली जिले के वालवा तहसील का गांव है गोटखिंडी। साल 1961 से ही गोटखिंडी गांव में गणपति प्रतिमा को मस्जिद में स्थापित किया जा रहा है।
गोटखिंडी गांव
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1961 में गोटखिंडी गांव में बहुत ही छोटे पैमाने पर गणपति उत्सव का आयोजन किया गया था और खुले आसमान के नीचे गणपति प्रतिमा को रखा गया था।
गणपति उत्सव
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कहा जाता है कि गणपति उत्सव के दौरान एक रात काफी बारिश हुई। इस दौरान कई गांव के मुस्लिमों ने मिलकर गणेश प्रतिमा को भीगने से बचाने के लिए पास की मस्जिद में रखने का फैसला किया।
बारिश से बढ़ी परेशानी
मस्जिद में गणपति की मूर्ति रखने के बाद वहीं पर उनका लोगों ने पूजन किया। हालांकि, इस दुर्लभ महोत्सव के बाद 1986 तक यह परंपरा नहीं दोहराई गई।
मस्जिद में रखी गई मूर्ति
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1986 में कुछ युवाओं ने अपने गांव की इस ऐतिहासिक विरासत को फिर से दोहराने की ठानी। तब से लेकर अब तक इस गांव में हर साल गणपति उत्सव मस्जिद में ही मनाया जाता है।
मस्जिद में ही गणेश उत्सव
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बता दें कि गोटखिंडी गांव की इस अनूठी परंपरा को देखते हुए आसपास के गांवों में मुस्लिमों ने मस्जिद के अंदर गणपति प्रतिमा रखने के लिए हिंदुओं को आमंत्रित करना शुरू कर दिया।