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Faith जानिए छठ पूजा में महिलाएं क्यों लगाती हैं नाक तक सिंदूर?
17 नवंबर यानी आज से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व का लोगों के बीच खास महत्व है।
छठ महापर्व
छठ पर्व के दौरान व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं। इस पर्व के दौरान डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
निर्जला उपवास
छठ पूजा का व्रत रखने वाली महिलाएं नाक तक सिंदूर लगाती हैं। बता दें कि छठ पूजा में नाक तक लंबा सिंदूर लगाने का भी खास महत्व है।
नाक तक लंबा सिंदूर
आज हम आपको बताएंगे कि छठ व्रत करने वाली महिलाएं अपनी नाक तक लंबा सिंदूर क्यों लगाती हैं।
लंबा सिंदूर लगाने की वजह
मान्यता है कि छठ पूजा में महिलाएं अपने सुहाग और संतान की मंगल कामना के लिए 36 घंटों का निर्जला व्रत रखती हैं।
36 घंटे का निर्जला व्रत
छठ पूजा के दौरान व्रती महिलाएं पूरा शृंगार करती हैं। इस शृंगार को पूरा करने के लिए महिलाएं नाक तक सिंदूर भी जरूर लगाती हैं।
नाक तक सिंदूर
हिंदू धर्म में सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है। इसी वजह से महिलाएं नाक से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर लगाती हैं।
सुहाग की निशानी
मान्यता है कि मांग से लेकर नाक तक लंबा सिंदूर लगाने से पति की आयु लंबी होती है। ये सिंदूर माथे से शुरू होकर जितनी लंबी मांग हो उतना भरा जाना चाहिए।
पति की लंबी आयु के लिए सिंदूर
माथे पर सिंदूर लगाने के लिए कई नियमों का पालन करना पड़ता है। विवाहित महिलाओं को नहाने के बाद सबसे पहले सिंदूर लगाना चाहिए।
सिंदूर लगाने का नियम
हिंदू धर्म के मान्यताओं के मुताबिक, सुहागिन महिलाओं को कभी भी अपनी मांग को खाली नहीं रखना चाहिए।
सुहागिन महिलाएं
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