बेहद रोचक हैं माता वैष्णो देवी की गुफा के ये 6 रहस्य
जम्मू में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में दर्शन के लिए हर साल लाखों लोग आते हैं।
माता वैष्णो देवी मंदिर
करीब 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित माता वैष्णो देवी के मंदिर में पहुंचने के लिए कटरा से लगभग 13 किमी दूर ट्रेकिंग करनी पड़ती है।
13 किमी की ट्रेकिंग
आज हम आपको माता वैष्णो देवी के मंदिर से जुड़े दिलचस्प बातें बताएंगे, जिनके बारे में लोगों को बेहद कम जानकारी है।
रोचक बातें
माता वैष्णो देवी का मंदिर जिस गुफा में है, उसे बहुत से जांचकर्ताओं को दिखाया गया है, जिससे पता चला है कि गुफा दस लाख वर्ष पुरानी है।
माता वैष्णो देवी का गुफा
मान्यता है कि जब माता वैष्णो देवी ने भैरो का वध किया था तब उनका शरीर इसी गुफा में रह गया था और सिर घाटी में जा गिरा था। कहा जाता है कि गुफा में आज भी भैरो का शरीर मौजूद है।
भैरो का शरीर
माता वैष्णो देवी के मंदिर को सबसे दिव्य शक्तिपीठ माना जाता है। मान्यता है कि माता सती का मस्तिष्क इसी स्थान पर गिरा था।
दिव्य शक्तिपीठ
माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए फिलहाल जिस रास्ते का इस्तेमाल होता है वह गुफा में प्रवेश का प्रकृतिक रास्ता नहीं है। यह एक कृत्रिम रास्ता है, जिसका निर्माण 1977 में किया गया।
कृत्रिम रास्ता
बता दें कि मंदिर में मां वैष्णो तीन पिंडियों के रूप में स्थापित है। तीन पिंडियों के रूप में होने के बावजूद इन्हें एक ही नाम से जाना और पूजा जाता है।
तीन पिंडियों में मां वैष्णो
मान्यता है कि माता वैष्णो देवी की गुफा में पवित्र गंगा जल प्रवाहित होता रहता है। श्रद्धालु इस जल से पवित्र होकर मां के दरबार में पहुंचते हैं।
पवित्र गंगा जल
यह जानकारी सिर्फ मान्याताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।