By Navaneet Rathaur
PUBLISHED April 25, 2025

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घर में पाञ्चजन्य शंख रखने से क्या होता है?

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में शंख के इस्तेमाल का विशेष महत्व है। शंख को बजाने के साथ ही इसकी पूजा भी की जाती है।

पूजा-पाठ में शंख

बता दें कि शंख कई प्रकार के होते हैं, लेकिन इनमें पाञ्चजन्य शंख का विशेष स्थान है। इस शंख को सबसे अधिक शुभ और पवित्र माना गया है।

पाञ्चजन्य शंख का विशेष स्थान

पाञ्चजन्य शंख से निकलने वाले आवाज को सबसे शक्तिशाली और मंगलकारी माना जाता है। आइए जानते हैं पाञ्चजन्य शंख के बारे में विस्तार से।

पाञ्चजन्य शंख की आवाज

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने दानव पांचजन्य को मारकर पाञ्चजन्य शंख प्राप्त किया था। इस वजह से इसका नाम पाञ्चजन्य पड़ा।

दानव पांचजन्य का वध

कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध में भी पाञ्चजन्य शंख को बजाकर भगवान कृष्ण ने सैनिकों का मनोबल बढ़ाया था।

सैनिकों का मनोबल बढ़ाना

धर्म विशेषज्ञों के मुताबिक, पाञ्चजन्य शंख को घर में रखना शुभ और पवित्र माना जाता है। हालांकि, इसे रखे जाने वाली दिशा का खास ध्यान रखना चाहिए।

शुभ और पवित्र

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पाञ्चजन्य शंख को घर में हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में रखना चाहिए। इस शंख को श्रद्धा भाव और विधि विधान से पूजा-पाठ के बाद ही स्थापित करना चाहिए।

पूर्व या उत्तर दिशा में शंख

पाञ्चजन्य शंख को घर में रखने से वास्तु दोषों से छुटकारा मिलता है। घर में इस शंख को रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

वास्तु दोषों से छुटकारा

यह जानकारी सिर्फ मान्याताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।

नोट

बाएं हाथ से प्रसाद क्यों नहीं ग्रहण करना चाहिए?

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