भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बेहद खास माना जाता है। मान्यता है कि गणपति जी का धरती पर आगमन इसी तिथि पर हुआ था।
गणपति जी का आगमन
बता दें हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के तौर पर बहुत धूमधाम से मनाते हैं।
गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी का त्योहार तो पूरे देश में मनाया जाता है। लेकिन महाराष्ट्र में इस त्योहार का सबसे ज्यादा उल्लास देखने को मिलता है।
महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी
बता दें कि गणेश चतुर्थी के खास मौके पर गणपति जी को कई चीजों का भोग लगाया जाता है। इन भोग की सामग्रियों में मोदक जरूरी होता है।
गणपति जी को भोग
अगर इस गणेश चतुर्थी आप भी गणपति जी की धूमधाम से पूजा करने की तैयारी कर रहे हैं, तो मोदक घर पर ही तैयार कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसकी रेसिपी।
मोदक की रेसिपी
1 कप कद्दूकस किया हुआ नारियल, 1 कप पीसा हुआ गुड़, 1 चुटकी जायफल, 1 चुटकी केसर, 1 कप चावल का आटा, 2 टी स्पून घी और जरूरत के हिसाब से पानी।
मोदक की सामग्री
एक पैन को आंच पर रखकर गर्म करें और इसमें कद्दूकस किया नारियल और गुड़ डालें। 5 मिनट तक इस मिश्रण को आंच पर पका लेने के बाद जायफल और केसर मिक्स करें। यह मिश्रण भरावण का काम करेगा।
मोदक बनाने की विधि
अब एक गहरे बर्तन में घी और पानी डालकर उबाल लें। पानी उबलने लगे, तो इसमें चावल का आटा मिलाएं और ढककर मिश्रण आधा होने तक पकाएं।
स्टेप-2
जब चावल का आटा पककर आधा हो जाए, तो आंच से उतारकर हल्का ठंडा होने दें। इसके बाद चावल के आटे को अच्छी तरह गूंथे और छोटी-छोटी लोई बना लें।
स्टेप-3
आटे के लोई में भरावण भरकर मोदक का आकार दें। इसके बाद मलमल के कपड़े पर रखें और करीब 10 से 15 मिनट तक भाप में पकाएं। भोग लगाने के लिए मोदक तैयार है।
तैयार है मोदक
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