By Dheeraj Pal
PUBLISHED March 21, 2025

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कैसे मनाते हैं गुड़ी पड़वा का पर्व, जानें तरीका

हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र मास के शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है।

शुरुआत

इस दिन गुड़ी पड़वा का त्‍योहार मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 30 मार्च को है।

गुड़ी पड़वा का पर्व

गुड़ी पड़वा नई फसल के आगमन की खुशी मनाने का त्‍योहार है। कई राज्‍यों में इसे फसल दिवस के रूप में मनाते हैं। 

फसल दिवस

गोवा, महाराष्‍ट्र के साथ ही अन्‍य दक्षिण भारत के कुछ राज्‍यों में इस दिन को विशेष धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

धूमधाम

मान्‍यता है कि इस दिन सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी ने संसार की रचना की थी और बुराइयों का अंत किया था।

रचयिता

इस दिन सुबह उठकर जल्दी स्नान करें। इसके बाद घर के ऊपर ध्वजा रोपण करते हैं।

ध्वजा रोपण

इस दिन महाराष्‍ट्र के घरों में मुख्‍य द्वार को तोरण यानी आम के पत्तों के बंदनवार या फिर अशोक के पत्तों के बंदनवार से सजाया जाता है। 

तोपण

उसके बाद गुड़ी बनाई जाती है और इसे घर के एक हिस्‍से में शुभ दिशा देखकर लगाया जाता है।

शुभ दिशा

इस दिन घरों में पारंपरिक व्‍यंजन जैसे पूरन पोली, श्रीखंड मीठे चावल आदि बनाए जाते हैं। 

पारंपरिक व्‍यंजन

यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें। 

नोट

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