मेट्रो ड्राइवर कैसे बनते हैं, कितनी मिलती है सैलरी?
बढ़ते शहरीकरण के दौर में मेट्रो आज बड़े शहरों की जरूरत बनता जा रहा है। दिल्ली में मेट्रो को जीवन रेखा यानी लाइफ लाइन कहा जाता है। मेट्रो ड्राइवर बनना आपके लिए एक बेहतर करियर विकल्प हो सकता है।
करियर विकल्प
इसमें अच्छी सैलरी और बेहतर प्रमोशन के साथ- साथ सुरक्षित नौकरी मिलती है। मेट्रो ड्राइवर बनने के लिए कौन- कौन सी योग्यताओं की जरूरत होती है और क्या करना होगा आइए हम आपको बताते हैं।
कैसे बने मेट्रो ड्राइवर
उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास होना अनिवार्य है। साथ ही, आईटीआई (ITI) या डिप्लोमा (इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स या संबंधित तकनीकी क्षेत्र में) आवश्यक होता है।
शैक्षणिक योग्यता
अधिकांश मेट्रो निगमों में आवेदन करने के लिए उम्र सीमा 18 से 28 वर्ष के बीच रखी जाती है। कुछ विशेष श्रेणियों के उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में छूट भी मिल सकती है।
आयु सीमा
अगर आपके पास इंजीनियरिंग डिग्री या पॉलिटेक्निक डिप्लोमा है, तो आपको प्राथमिकता मिल सकती है।
प्राथमिकता
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन और अन्य शहरों की मेट्रो कंपिनियों द्वारा समय- समय पर मेट्रो ड्राइवर के लिए भर्तियां निकाली जाती हैं, जिनमें आप आवेदन कर सकते हैं।
निकाली जाती हैं भर्तियां
मेट्रो ड्राइवर बनने के लिए एक लिखित परीक्षा होती है, जिसमें तकनीकी ज्ञान, गणित, रीजनिंग और सामान्य जागरुकता से जुड़े प्रश्न होते हैं। इसके अवावा मेडिकल टेस्ट में आंखों और स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है, जिसमें दृष्टि की जांच बेहद जरूरी होती है।
लिखित परीक्षा और मेडिकल टेस्ट
लिखित परीक्षा और मेडिकल टेस्ट पास करने के बाद अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का परीक्षण किया जाता है और पात्रता सुनिश्चित होने पर मेट्रो ड्राइवर बनाया जाता है। चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
दस्तावेजों का परीक्षण
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली मेट्रो में ड्राइवर के रूप में करियर शुरू करने वाले उम्मीदवारों को लगभग 39 हजार रुपये प्रति माह की शुरुआती सैलरी मिलती है।
शुरुआती सैलरी
अनुभव और प्रमोशन के साथ यह वेतन 91 हजार रुपये तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, ड्राइवरों को विभिन्न प्रकार के भत्ते और अन्य लाभ भी दिए जाते हैं।
आखिरी सैलरी
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