भारतीय मुद्रा में 10 रुपये का सिक्का सबसे अलग दिखता है। इस सिक्के का बाहरी हिस्सा पीले रंग का और अंदर का हिस्सा चांदी जैसा सफेद होता है।
10 रुपये का सिक्का
दो अलग धातुओं के संयोजन से बनने वाले सिक्के को लेकर लोगों के बीच काफी उत्सुकता रहती है। ऐसे में इस सिक्के की धातु संरचना के बारे में विस्तार से जानना जरूरी है।
दो धातुओं का संयोजन
बता दें कि भारतीय मुद्रा में 10 रुपये का सिक्का द्विधात्विक सिक्का यानी Bimetallic Coin कहलाता है। क्योंकि यह दो अलग-अलग धातुओं के संयोजन से बनाया जाता है।
द्विधात्विक सिक्का
10 रुपये के सिक्के में बीच वाला हिस्सा, जो चांदी की तरह सफेद दिखता है, उसे कूप्रो-निकेल धातु का इस्तेमाल करके बनाया जाता है।
कूप्रो-निकेल धातु
बता दें कि 10 रुपये के सिक्के में बाहरी पीले रंग वाले हिस्से को एल्युमिनियम कांस्य से बनाया जाता है।
एल्युमिनियम कांस्य
10 रुपये के सिक्के के बाहरी पीले हिस्से में 92 फीसदी तांबा, 6 फीसदी एल्युमिनियम और 2 फीसदी निकेल होता है।
धातु का मिश्रण
तांबा, एल्युमिनियम और निकेल के इस मिश्रण को एल्युमिनियम कांस्य कहा जाता है। धातु के इस मिश्रण के पीछे वैज्ञानिक और सुरक्षा कारण होते हैं।
एल्युमिनियम कांस्य
10 रुपये के सिक्के के पीले हिस्से में इस्तेमाल होने वाला मिश्रित धातु ज्यादा समय तक टिकती है और जल्दी खराब नहीं होती है।
टिकाऊ धातु
द्विधात्विक धातु होने के कारण 10 रुपये का नकली सिक्का आसानी से पहचान किया जा सकता है।
सुरक्षा
क्या सच में चाय पीने से नींद उड़ जाती है? जानिए सच्चाई