नदी में बहते हुए पानी का क्वालिटी कैसे चेक किया जाता है?
नदियों का पानी जन-जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। बता दें कि नदियों की महत्वता को देखते हुए इनकी पूजा होती है।
नदियों का पानी
भारत में गंगा नदी को सबसे पवित्र माना जाता है। हालांकि, देश की कई नदियों का पानी काफी ज्यादा प्रदूषित हो गया है।
नदियों का पानी खराब होना
भारत में नदियों में प्रदूषण की जांच का पता करने के लिए देश में CPCB यानि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड काम करता है
नदियों में प्रदूषण की जांच
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ही देश में जल प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और इसमें कमी लाने की कोशिश करता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर राज्य में और क्षेत्रों में नदियों और कुओं के पानी की सफाई के लिए बढ़ावा देता है और इसके जल की निगरानी करता है।
नदियों के पानी की निगरानी
CPCB जल गुणवत्ता की निगरानी के लिए राष्ट्रीय जल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम के तहत काम करता है। इस जांच से पता चलता है कि नदी के जल में प्रदूषण की कितनी मात्रा है।
जल में प्रदूषण की मात्रा
नदी के जल की गुणवत्ता जांचने के लिए नदी के अलग-अलग हिस्सों से पानी के सैंपल कलेक्ट करते हैं और इनको केमिकल और बायोलॉजिकल टेस्ट के लिए लैब में भेजा जाता है।
पानी के सैंपल
जांच के दौरान यह देखा जाता है कि पानी में घुली हुई ऑक्सीजन, बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड और केमिकल ऑक्सीजन डिमांड की कितनी मात्रा है।
पानी में घुले केमिकल
नदी के पानी का जांच के दौरान ही पता लगाया जाता है कि पानी कितना खारा और कितना एसिडिक है। इसके अलावा इसमें हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और अन्य कीटाणुओं की जांच की जाती है।
पानी की अच्छे से जांच
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