इस साल गणेश चतुर्थी का उत्सव 19 सितंबर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।
गणेश चतुर्थी
19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। इस उत्सव पर घर पर गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाती है।
गणेश स्थापना
कुछ गणपति प्रतिमाओं की सूंड़ दाईं ओर होती और कुछ प्रतिमाओं की बाईं ओर, कुछ की सीधी होती है।
गणेश प्रतिमाओं की सूंड़
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आइए आज आपको बताते हैं कि गणपति की अलग-अलग तरफ की सूंड़ का क्या महत्व है और घर पर कैसी सूंड़ वाली प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए।
सूंड़ का महत्व
सीधी सूंड़ वाली गणेश प्रतिमा बहुत ही दुर्लभ मानी जाती है। इसे बहुत शुभ माना गया है।
सीधी सूंड़ वाली गणेश प्रतिमा
सीधी सूंड़ वाली प्रतिमा को कुंडलिनी जागरण, भौतिक संसार से विरक्त होने के लिए पूजा जाता है। ज्यादातर वैरागी और साधु-संत ही ऐसी प्रतिमा की पूजा करते हैं।
साधु-संतों के लिए..
दाईं सूंड़ वाली प्रतिमा सांसारिक सुखों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक है।
दाईं सूंड़ वाली प्रतिमा
दाईं सूंड़ वाली गणेश प्रतिमा की पूजा कठिन मानी जाती है और बहुत विधि-विधानों से सम्पन्न होती है, इसलिए इसे घर पर नहीं रखना चाहिए।
पूजा
बाईं सूंड़ वाली गणेश प्रतिमा को भौतिक लाभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
बाईं सूंड़ वाले गणेश
घर पर बाईं ओर सूंड़ वाली गणेश प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए। ये प्रतिमा वास्तु दोष को दूर करती है, घर को शुद्ध करती है।
घर पर स्थापित करें
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यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।