By Navaneet Rathaur
PUBLISHED March 17, 2025

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भीख मांगने के लिए इस शहर में सरकार से लेना होता है लाइसेंस

दुनियाभर में करोड़ों लोग अमीरों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे लोगों के पास अपनी कई पीढ़‍ियों के लिए भरपूर संपत्ति और संसाधन है।

अमीर लोग

हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए दो वक्‍त के खाने के लिए भी कड़ी मशक्‍कत करनी पड़ती है। ऐसी स्थिति से गुजरने वाले कई लोग भीख मांगकर जीवनयापन करते हैं।

गरीब

सार्वजनिक जगहों जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मंदिर इत्यादि के पास आपने भीख मांगते हुए लोगों को जरूर देखा होगा।

भीख मांगते लोग

अगर आपसे यह कहा जाए कि भीख मांगने के लिए भी किसी विशेष शहर में लाइसेंस लेना पड़ेगा, तो आपको थोड़ा अजीब जरूर लगेगा। लेकिन यह सच है।

भीख मांगने के लिए लाइसेंस

दरअसल, स्‍वीडन की राजधानी स्‍टॉकहोम से पश्चिम की ओर एक शहर है ‘एस्किलस्टूना’। कुछ साल पहले ही इस शहर में भीख मांगने वालों के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है।

एस्किलस्टूना

अगर कोई व्‍यक्ति एस्किलस्टूना में लोगों से भीख मांगना चाहता है, तो इसके लिए उन्‍हें सबसे पहले अनुमति लेनी होगी। साथ ही उन्‍हें एक छोटी सी फीस भी चुकानी होगी।

लाइसेंस के लिए फीस

बता दें कि एस्किलस्टूना में अथॉरिटी के द्वारा भीख मांगने के लिए बनाए गए नियम के तहत 250 स्वीडिश क्रोना (स्‍वीडन की करेंसी) खर्च करना होता है।

250 स्वीडिश क्रोना

सरकार से अनुमति मिलने के बाद भीख मांगने वाले को एक वैलिड आईडी कार्ड दिया जाता है। एस्किलस्टूना में भिखारियों के लिए यह नियम साल 2019 में ही लागू कर दिया गया।

भीख मांगने के लिए आईडी कार्ड

एस्किलस्टूना के म्युनिसिपल काउंसिलर के मुताबिक, भीख मांगने के लिए नियमों को जानबूझकर कठिन बनाया गया है। ऐसा करने से भिखारियों की संख्या कम होने लगी है।

भीख मांगने के लिए कानून

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