कहा जाता है कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं। वह माता-पिता की परछाई होते हैं, जो देखते, सुनते, महसूस करते हैं वही करते हैं।
बच्चे मन के सच्चे
बच्चे बचपन से ही जो भी देखते हैं वह जल्दी कैरी कर लेते हैं। उनकी 10 साल तक की उम्र सबकुछ देखकर सीखने वाली ज्यादा होती है।
सीखने की उम्र
बच्चे कुछ अच्छी तो कुछ बुरी आदतें सीख लेते हैं लेकिन कई आदतें वो अपने पैरेंट्स से सीख लेते हैं। इसमें से कुछ बुरी या खराब आदतें हो सकती हैं।
गंदी आदतें
बच्चे कई बार कुछ बेसिक चीजें करते हैं, जो बुरी आदतों में आता है। लेकिन हम ये ध्यान नहीं देते कि ये बच्चा कहां से सीख रहा है। चलिए इनके बारे में बताते हैं।
क्या हैं ये आदतें
अक्सर हम अपनी नाक में उंगली डालकर नाक साफ करने लगते हैं। बच्चे ये देखकर वैसा ही करना शुरू कर देते हैं। फिर हम उन्हें ऐसा करने से मना करते हैं।
नाक में उंगली
अगर हस्बैंड-वाइफ चिल्लाकर या लड़कर एक दूसरे से बात करते हैं, तो बच्चा भी चिल्लाकर अपनी चीजों को मनवाना सीख लेता है।
चिल्लाना
गलती न मानना
अगर आप अपने पार्टनर के आगे अपनी गलती नहीं मानते हैं, तो बच्चा भी ये आदत सीख लेता है। फिर कोई गलती करने पर वह मानता नहीं है।
अगर आप बच्चे के आगे कभी भी किसी पर हाथ उठाते हैं या मारते हैं। तो बच्चा ये आदत फौरन कैच कर लेता है। ऐसे में बच्चा दूसरों को मारने लगता है।
मारपीट
अगर पैरेंट्स हाइजीन का ख्याल नहीं रखते हैं, तो बच्चा भी गंदगी करना और सामान फैलाना सीख लेता है। ऐसे में बच्चे को हाइजीन रहना सीखाना मुश्किल होता है।
हाइजीन
बात करते हुए अगर आप गलत या अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो बच्चा इन्हें सुनकर फौरन बोलना शुरू कर देगा। बच्चे खराब शब्द जल्दी सीख लेते हैं।