Hindi Newsमौसम न्यूज़Coldwave Forecast prepared for severe cold after intense heat Meteorological Department issued warning

गर्मी ने खूब सताया, अब इस साल पड़ेगी कड़ाके की सर्दी; मौसम विभाग ने बताया

  • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल ला नीना के प्रभाव के कारण कड़ाके की ठंड पर सकती है। हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानFri, 13 Sep 2024 12:52 AM
share Share

Weather Forecast: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भले ही कम बारिश हुई है, लेकिन देश के बाकी हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। इसके साथ ही इस साल गर्मी ने भी लोगों को खूब सताया है। अब मौसम विभाग ने इस साल पड़ने वाली ठंड के लेकर भी भविष्यवाणी की है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल ला नीना के प्रभाव के कारण कड़ाके की ठंड पर सकती है। हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।

डब्ल्यूएमओ के अनुसार, इस साल के अंत तक 60 फीसदी संभावना है कि ला नीना स्थितियां और मजबूत हो जाएगी, जिससे भारत के उत्तरी भागों में कड़ाके की ठंड सता सकती है। पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि सितंबर-नवंबर 2024 के दौरान वर्तमान तटस्थ स्थितियों (न तो अल नीनो और न ही ला नीना) से ला नीना स्थितियों में परिवर्तित होने की 55 प्रतिशत संभावना है। अक्तूबर 2024 से फरवरी 2025 तक यह संभावना है की ला नीना की प्रबलता 60 प्रतिशत तक बढ़ जाए और इस दौरान अल नीनो के फिर से मजबूत होने की संभावना शून्य है।

हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि ला नीना की स्थिति के कारण इस बार सामान्य से अधिक सर्दी पड़ेगी या नहीं।

क्या है ला नीना

- ला नीना का तात्पर्य मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान में बड़े पैमाने पर होने वाली गिरावट से है, जो उष्णकटिबंधीय वायुमंडलीय परिसंचरण, जैसे हवा, दबाव और वर्षा में परिवर्तन से जुड़ा हुआ है।

- यह आमतौर पर भारत में मॉनसून के दौरान तीव्र और लंबे समय तक होने वाली बारिश और विशेष रूप से उत्तरी भारत में सामान्य से अधिक सर्दियों से संबंधित है।

- प्रत्येक ला नीना घटना के प्रभाव इसकी तीव्रता, अवधि, वर्ष के समय और अन्य जलवायु कारकों के आधार पर अलग-अलग होते हैं। आम तौर पर, ला नीना एल नीनो के विपरीत जलवायु प्रभाव पैदा करता है, खासकर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में।

कैसा रहेगा आपके शहर का मौसम, जानें

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें