दक्षिण अफ्रीका के इस पौधे के पीछे क्यों पड़ा है चीन? विलुप्त होने की कगार पर प्लांट
सकुलेंट पौधों को लेकर दीवानगी पिछले कुछ समय में ज्यादा बढ़ी है। खासतौर से सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स ने इसे एक हाउसप्लंट्स के तौर पर पेश किया है जिससे लोगों में इसे अपने घरों में लगाने की सनक बढ़ी है।

दक्षिण अफ्रीका से खास किस्म के पौधों की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गूदेदार पौधे (Succulent plant) को दक्षिण अफ्रीका चुराकर चीन में बेचा जा रहा है। हाल ही में एक शिपमेंट के पकड़े जाने पर इसका खुलासा हुआ। दरअसल शिपमेंट के जरिए दक्षिण अफ्रीका में चीन से बच्चों के "मेड इन चाइना" खिलौन मंगाए गए थे। लेकिन बाद में इसे रिटर्न कर दिया गया। शिपमेंट के रिटर्न के दौरान दक्षिण अफ्रीकी सीमा शुल्क अधिकारियों को संदेह हुआ। स्टैंडर्ड मीडिया के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला है कि पैकेज में खिलौने नहीं बल्कि चोरी क सामान से भरे हुए थे।
दक्षिण अफ्रीका में चीनी आपराधिक संगठनों की जड़ें काफी मजबूत हैं। यह अपराधी पहले अवैध एबालोन या गैंडे के सींगों की तस्करी के लिए दक्षिण अफ्रीका में इसी तरह की तरकीबों का इस्तेमाल करते थे। अब उनका फोकस सकुलेंट पौधों पर है। इन्हें रसीले पौधे के नाम से भी जाना जाता है और यह काफी महंगे होते हैं। ये पौधे दिखने में बेहद खूबसूरत लगते हैं। पौधे पानी को बनाए रखते हैं और दक्षिण अफ्रीका के विशाल कारू जैसे शुष्क क्षेत्रों में उगते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार इस पौधे की एक विशेष प्रजाति को खतरनाक स्तर पर जंगलों से खत्म किया जा रहा है। रिपोर्टों के मुताबिक, कई अन्य दुर्लभ पौधे, जिनमें से कुछ 100 साल तक पुराने हैं और केवल एक ही चट्टान पर पाए जा सकते हैं, वे भी अब विलुप्त होने के कगार पर हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र 'सकुलेंट कारू बायोम' नामीबिया से लेकर दक्षिण अफ्रीका के पश्चिमी केप टाउन तक फैला हुआ है। यहां ये पौधे भी पाए जाते हैं।
दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रीय जैव विविधता संस्थान (एसएएनबीआई) के एक वैज्ञानिक इस्माइल इब्राहिम ने कहा, "हमारे पास अविश्वसनीय रूप से विशेष पौधे हैं जो दुनिया में कहीं और नहीं होते हैं, और यह दक्षिण अफ्रीका की विरासत का हिस्सा है।" उन्होंने कहा कि कुछ प्रजातियां, विशेष रूप से शंकुधारी जैसे रसीले पौधे, अब "विलुप्त होने के कगार पर हैं।" SANBI के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में लगभग 1.5 मिलियन दक्षिण अफ्रीकी सकुलेंट पौधे जंगलों से हटा दिए गए हैं।
सकुलेंट पौधों को लेकर दीवानगी पिछले कुछ समय में ज्यादा बढ़ी है। खासतौर से सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स ने इसे एक हाउसप्लंट्स के तौर पर पेश किया है जिससे लोगों में इसे अपने घरों में लगाने की सनक बढ़ी है। पश्चिमी केप टाउन में जंगली क्षेत्रों की देखभाल करने वाली एक सरकारी एजेंसी केपनेचर के अनुसार, दक्षिण अफ्रीकी कानून एजेसियों द्वारा जब्त किए गए पौधों की संख्या में 2018 के बाद से 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। लोग इन्हें सजावटी मूल्य के कारण अधिक से अधिक घरों में लगाना चाहते हैं।
दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने बढ़ती चोरी को रोकने और उसे कंट्रोल करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना विकसित की है। तस्करी सिंडिकेट पर नकेल कसने वाले एक केपनेचर प्रवर्तन विशेषज्ञ पॉल गिल्डनहुयस ने कहा, "बिना परमिट के पौधे का कलेक्शन और निर्यात दक्षिण अफ्रीकी कानून के तहत निषिद्ध है और जो लोग अवैध शिकार करते हुए पकड़े जाते हैं उन्हें जुर्माना या जेल समय का सामना करना पड़ सकता है"। लुप्तप्राय वनस्पतियों के अवैध शिकार में सबसे अधिक जुर्माना, 400,000 रैंड या 10 साल की जेल होती है। केपनेचर के मुताबिक, पिछले साल 90 से ज्यादा गिरफ्तारियां की गईं। स्टैंडर्ड मीडिया ने बताया कि पौधों को ले जाते समय अधिकांश लोग राजमार्ग पर वाहनों में पकड़े जाते हैं।