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वायरल हो रही है कोरोना का इलाज करने वाली डॉक्टर की इमोशनल पोस्ट, बताई है कोरोना से जूझ रहे लोगों की कहानी

देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। बढ़ते कोरोना मामलों के कारण देशभर में दहशत का माहौल है। यही कारण है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में...

वायरल हो रही है कोरोना का इलाज करने वाली डॉक्टर की इमोशनल पोस्ट, बताई है कोरोना से जूझ रहे लोगों की कहानी
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली Fri, 16 Apr 2021 11:04 PM
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देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। बढ़ते कोरोना मामलों के कारण देशभर में दहशत का माहौल है। यही कारण है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में तमाम तरह की पाबंदियां भी लगाई जा चुकी है। इस बीच लोगों को बचाने के लिए लगातार काम कर रहीं एक डॉक्टर ने इस खतरनाक वायरस से लड़ाई लड़ रहे लोगों की कहानी और अपनी रोजाना की जिंदगी की कुछ झलकियां साझा की हैं। साथ ही डॉक्टर ने लोगों से इस वायरस से बचने के लिए बताए गए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपील भी की है।

सान्ध्रा नाम की इस डॉक्टर ने इंस्टाग्राम एक पोस्ट लिखा है। डॉक्टर की यह पोस्ट काफी वायरल हो रही है। इस इमोशनल पोस्ट में डॉक्टर ने कोरोना वायरस के कारण जिंदगी और मौत से जुझ रहे लोगों के बारे में बताया है और साथ ही यह भी बताया है कि कैसे अपने आंखों के सामने अपने मरीजों को मरते हुए देखना पड़ता है, और ये सब उनके लिए कितना मुश्किल हो जाता है। आइए आपको सान्ध्रा की इस वायरस पोस्ट से रूबरू कराते हैं।

सान्ध्रा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा,

बहुत कम लोग होंगे जो इसे पढ़ने की जहमत करेंगे लेकिन अगर आप ऐसा करना चाहे, तो मैं आपको अपने जीवन के पिछले दो हफ्तों की एक झलक दिखाना चाहती हूं।

वो आगे लिखती हैं, "मुझे लोगों को बताना पड़ रहा है कि उनके 22 साल के बेटे की मौत हो गई है। मैं रोगियों से झूठ बोल रही हूं कि ठीक हो जाओगे, जबकि मुझे पता है कि वो ठीक नहीं होंगे। पूरी रात सांस के लिए रो-रोकर तड़प रही महिला को सुनाना पड़ा है। लोगों को अपने सामने टूटते हुए देखना पड़ता है। मेरे एक मरीज ने अपने आखिरी शब्दों में कहा कि उसके घर पर 11 और 4 साल के बच्चे हैं, उन्हें मरने मत दीजिएगा और ऐसा कहते हुए उसकी मौत हो गई। हमारे सामने हाथ जोड़े खड़ी मांओ को यह कहते हुए देखना कि हमारे बच्चे को बचा लो, बहुत ही दर्दनाक है। पैक्ड बॉडीज़ को देखना और खुद को सोचना बंद करने के लिए कहकर, अपने काम पर जाने के लिए मनाना बहुत ही मुश्किल है।"

सांन्ध्रा ने लिखा, "हम जितनी मेहनत से काम कर सकते हैं, उतनी मेहनत से काम करते रहना, इस उम्मीद में कि दूसरे हेल्थकेयर वर्कर भी ऐसे ही काम करेंगे, अगर खुदा न खास्ता मेरे माता-पिता को भी कोरोना हो जाए और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़े। अपने काम से वापस आकर, उन सभी चीजों के बारे में सोचकर रोना जो करने के लिए मुझे मजबूर होना पड़ा। यह सोचना कि कैसे मैं उन रोगियों को थोड़ा और अधिक प्यार दे सकती हूं, जो पल-पल मौंत से लड़ रहे हैं। यह सब सोचने के बावजूद एक दर्शक के तौर मुझे जो दर्द महसूस हो रहा है, वह उस दर्द का एक चौथाई हिस्सा भी नहीं है जो हमारे मरीज और उनके रिश्तेदार महसूस करते हैं।"

पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा, "मेरा विश्वास कीजिए, आपके लिए लॉकडाउन बिल्कुल भी मुश्किल नहीं हैं। आपने वो डरावने और भयावह दृश्य नहीं देखे हैं, जो मैंने देखे हैं। काश मैं आपको लोगों के दर्द के वो वीडियो दिखा सकती, जिससे आपके अंदर घर के अंदर रहने का एक डर पैदा हो सकता।"

वो कहती हैं, "मैं इस दर्द को नहीं देखना चाहती हूं। हममें से कोई भी ऐसा नहीं करना चाहता है। हमें इसकी ओर मत ले जाइए। हम पर एक एहसान कीजिए, मैं आपको घर पर रहने के लिए नहीं कह रही हूं। मैं समझती हूं कि हर किसी के पास ऐसा करने की सुविधा नहीं है। बस इतना कीजिए जब भी आप बाहर निकलें, तो मास्क जरूर पहनिए।"

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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अब सोशल मीडिया पर सान्ध्रा द्वारा शेयर किया गया, उनका यह अनुभव खूब वायरल हो रहा है।

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