मात्र 26 रुपए में मिली थी शाही पनीर-दाल मखनी, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ रेस्टोरेंट का 37 साल पुराना बिल
सोशल मीडिया पर किसी रेस्टोरेंट के खाने के बिल शेयर किया गया है। इस बिल को देखकर लोग हैरान रह गए हैं। यह बिल आज से करीब 37 साल पुुराना बताया जा रहा है। 26 रुपए के बिल में कई व्यंजन परोसे गए थे।

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मौजूदा दौर में शहर की भाग-दौड़ भरी जिंदगी के बीच लोग समय निकालकर बाहर खाना पसंद करते हैं। इसके लिए लोग हजारों रुपए का बिल भी भरते हैं। कई बार ऐसा भी हुआ है कि रेस्टोरेंट या फिर कैफे की ओर से अधिक बिल थमाए जाने के बाद लोग उसका विरोध किए हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। बजट के अनुकूल जगह पर अगर आप भोजन करते हैं तो उसकी कीमत 1000 से 1200 रुपए के आसपास हो सकती है। हालांकि, काफी कुछ जगह और रेस्टोरेंट के नाम पर भी डिपेंड करता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि करीब चार दशक पहले खाने की कीमत क्या रही होगी?
ऐसे ही एक रेस्टोरेंट ने करीब 37 साल पहले, 1985 का एक बिल सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिसे लेकर इंटरनेट पर खूब चर्चा हो रही है। बिल देखकर कई लोग हैरान भी रह गए हैं कि क्या कोई 37 साल पहले का बिल भी संभाल के रख सकता है।
खाने का जो बिल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि उसे पहली बार 12 अगस्त, 2013 में फेसबुक पर शेयर किया गया था। अब वह पोस्ट फिर से वायरल हो गई है। दिल्ली के लाजपत नगर इलाके के एक लजीज रेस्टोरेंट और होटल नाम का यूजर्स ने 20 दिसंबर 1985 का वो बिल साझा किया है। बिल में दी गई जानकारी के मुताबिक, ग्राहक ने एक प्लेट शाही पनीर, दाल मखनी, रायता और कुछ चपाती ऑर्डर की थी।
हैरानी करने वाली बात तो यह है कि बिल के अनुसार उस समय शाही पनीर की कीमत मात्र 8 रुपए दिखाया गया है जबकि दाल मखनी और रायता के लिए पांच-पांच रुपए का बिल बनाया गया है। वहीं, चपाती मात्र 6.30 रुपए में दी गई थी। कुल मिला दे तो बिल 26.30 रुपए आया था। वहीं, इसकी तुलना अगर आज के दौर से करते हैं तो 26 रुपए में एक चिप्स का पैकेट मिलता है। जितने पैसे में दाल मखनी मिली थी उतने पैसे में तो आज आप ठेले की चाय भी नहीं पी सकते हैं।
पोस्ट के शेयर होने के बाद से अब तक 1800 से ज्यादा लाइक मिल चुके हैं और 500 से अधिक लोगों ने शेयर किया है। कई यूजर्स यह देखकर हैरान है कि 37 साल पहले इतना सस्ता खाना मिलता था। कई यूजर्स ने कहा है कि बेशक उन दिनों पैसे की कीमत कहीं ज्यादा थी।