इस जानवर के दूध में होता है बीयर से भी ज्यादा अल्कोहल, पीने पर हो जाएगा नशा
गाय, भैंस या बकरी का दूध प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होता है। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि एक ऐसा जानवर है जिसके दूध में व्हिस्की, बीयर या वाइन से ज्यादा अल्कोहल होता है तो क्या आप यकीन करेंगे?
दूध का इस्तेमाल हर घर में रोजाना होता है। किसी को गाय का दूध अच्छा लगता है तो किसी को घर में भैंस का दूध। लेकिन कभी-कभी बीमार पड़ने पर बकरी का दूध पीने की सलाह दी जाती है। गाय, भैंस या बकरी का दूध प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होता है। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि एक ऐसा जानवर है जिसके दूध में व्हिस्की, बीयर या वाइन से ज्यादा अल्कोहल होता है तो क्या आप यकीन करेंगे? लेकिन यह सच है। इस जानवर का दूध पीने से नशा हो सकता है। आइए जानें कि यह कौन सा जानवर है और इसके दूध में कितनी मात्रा में अल्कोहल पाया जाता है।
मुख्य रूप से जंगली और कभी-कभी पालतू जानवर के रूप में पाए जाने वाले इस जानवर का यदि कोई व्यक्ति दूध पीता है तो उसे नशा हो सकता है। वह जानवर और कोई नहीं बल्कि मादा हाथी है। मादा हाथी के दूध में 60 प्रतिशत एल्कोहल पाया जाता है। दरअसल, हाथी को गन्ना खाना बहुत पसंद है। वहीं गन्ने में भारी मात्रा में अल्कोहल बनाने वाले तत्व होते हैं। इसलिए हाथी के दूध में एल्कोहल भरपूर मात्रा में पाया जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, हाथी का दूध मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है।
दूध में मौजूद केमिकल इंसानों के लिए खतरनाक होते हैं
कुछ अध्ययनों के अनुसार हाथी के दूध में पाए जाने वाले रसायन इंसानों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, हाथी के दूध को 62 फीसदी एल्कोहल हो सकता है। जाहिर है, इस दूध में बीटा कैसीन मौजूद हो सकता है। हालांकि, पहले यह भूमिका केवल के-कैसीन से जुड़ी थी।
हाथी के दूध में उच्च स्तर का लैक्टोज होता है
शोध के अनुसार, अफ्रीकी हाथियों के दूध में लैक्टोज और ओलिगोसेकेराइड्स का स्तर बहुत अधिक होता है। यह हाथियों की स्तन ग्रंथियों में अल्फा-एलए सामग्री से जुड़ा हुआ है। बड़े स्तर पर यह विशेष कार्बोहाइड्रेट संश्लेषण से संबंधित है, जहां प्रोटीन अल्फा-एलए के रूप में कार्य करता है। हाथियों को पृथ्वी पर सबसे संवेदनशील जानवरों में से एक माना जाता है। साथ ही उन्हें इंसानों से भी ज्यादा समझदार माना जाता है। हालांकि, डॉल्फिन को अधिक संवेदनशील और बुद्धिमान जानवर माना जाता है।
दुनिया भर में हाथियों की तीन अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें अफ्रीकी सवाना हाथी के साथ-साथ एशियाई हाथी भी शामिल हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार करीब 50 लाख साल पहले धरती पर हाथियों की 170 प्रजातियां थीं। अब धरती पर हाथी की सिर्फ दो ही प्रजातियां बची हैं। इनमें हाथी और लोक्सोडोंटा शामिल हैं। एक सामान्य हाथी को प्रतिदिन लगभग 150 किलोग्राम भोजन की आवश्यकता होती है। इसीलिए हाथी दिन में 12 से 18 घंटे घास, पत्ते और फल खाकर बिताते हैं।