नशे में गाड़ी चलाने के जुर्म में हाईकोर्ट ने दी अनोखी सजा, चौराहे पर खड़े होकर करना होगा ये काम
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक शख्स को शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में बेल के लिए अनोखी शर्त रखी है। शख्स को 3 महीने तक चौराहे पर एक पोस्टर लेकर खड़े रहना होगा। इस पोस्टर पर क्या लिखा होगा?

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक शख्स के सामने बेल देने के लिए अनोखी शर्त रखी। हाईकोर्ट ने एक 32 साल के युवक को नशे की हालत में कार चलाने का आरोप में जमानत दे दी। हालांकि इस आदेश के साथ अदालत ने उसके लिए एक शर्त भी रखी। अदालत ने शख्स को शहर के एक बिजी सिग्नल पर पोस्टर लेकर खड़े रहने का आदेश दिया है। इस आदेश के मुताबिक शख्स को तीन महीने तक हर वीकेंड पर "शराब पीकर गाड़ी न चलाएं" का पोस्टर लेकर चौराहे पर खड़ा रहना होगा।
जस्टिस मिलिंद जाधव की ने सब्यसाची निशंक को 1 लाख की जमानत राशि भरने को भी कहा। गौरतलब है कि सव्यसाची को नवंबर 2024 में नशे की हालत में कार चलाने औकिर दो पुलिस चौकियों पर अपनी गाड़ी से टक्कर मारने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
निशंक IIM लखनऊ के छात्र रहे हैं और फिलहाल वह एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर पोजीशन पर कार्यरत हैं। कोर्ट ने कहा कि निशंक दो महीने से हिरासत में है और उसके भविष्य की संभावनाओं और उसकी उम्र को देखते हुए उसे और अधिक हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है। हालांकि कोर्ट ने माना कि यह लापरवाही का मामला है। कोर्ट ने कहा, "हालांकि वह नशे की हालत में लापरवाही से गाड़ी चला रहा था और उसने पुलिस के निर्देशों की अवहेलना की और सार्वजनिक संपत्ति (बैरिकेड्स) को भी नुकसान पहुंचाया।"
अंततः कोर्ट ने निशंक को जमानत देने के लिए सामुदायिक सेवा करने की शर्त रखी। कोर्ट ने कहा, "इसका उद्देश्य शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाले नुकसान और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना और संदेश देना है।"
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