तालिबान के साथ हमेशा सांठगांठ में पाकिस्तान को यही लगा कि इन जुनूनी जंगजुओं की हम हर तरह की मदद करके उन्हें पाकिस्तान अफगानिस्तान के बीच की डूरंड लाइन पर राजी कर लेंगे...लेकिन हुआ उल्टा डूरंड लाइन तो दूर पाकिस्तान की ही जैसी आइडियोलॉजी वाला तालिबान पेशावर को भी अपना इलाका मानता है पाकिस्तान का नहीं