बच्चे के साथ हुआ यह हादसा देख आपका कलेजा बाहर आ जाएगा। और उन अस्पतालों पर गुस्सा भी आएगा जिन्होंने इस बच्चे का ठीक से ईलाज नहीं किया। भीलवाड़ा के आमेसर पंचायत का रहने वाला है कक्षा दो में पढ़ने वाला हनुमान। 26 जून को दोस्तों के साथ खेलते वक्त एक बिजली के पोल से करंट लगने से उसका चेहरा बुरी तरह से झुलस गया। करंट लगने के बाद बच्चे के पिता ग्रामीणों की मदद से अस्पताल ले गए। भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल प्रशासन ने प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को उदयपुर के महाराणा भोपाल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। यहां से भी बच्चे को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। अस्पताल ने कोरोना की आड़ में खानापूर्ति करके हनुमान को वापस घर भेज दिया। बच्चे के पिता पोखरमल ने बताया कि एक महीना बीत चुका है। बालक की स्थिति गम्भीर बनी हुई है। हमने शासन-प्रशासन का दरवाजा लेकिन किसी ने मदद नहीं की। डॉक्टर ने इलाज के लिए 3 लाख रुपये की मांग की है। परिवार के पास जितना पैसा था हनुमान के इलाज में लगा दिया है। अब अगर मदद नहीं मिली तो बच्चे का ईलाज कराना मुश्किल हो
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