जीवनभर ठाठबाट से जीने वाली शेख हसीना को अपने ही घर अपने ही देश से भागकर दर दर भटकना पड़ेगा ये उन्होंने शायद ही कभी सोचा हो। तख्तापलट होने के बाद शेख हसीना भारत पहुंची। बांग्लादेश छोड़ने के लिए शेख हसीना को सिर्फ 45 मिनट का अल्टीमेटम दिया गया था। 45 मिनट के अपने जीवनभर की जमा को किस बक्से में डालकर शेख हसीना अपने साथ ले जा सकती थीं। आखिर में 4 सूटकेस और दो बैग में अपनी बेहद जरूरी चीजें लेकर उन्हें अपने वतन को अलविदा कहना पड़ा…भारत आकर उन्हें रोजमर्रा की दूसरी चीजों की जरूरत थी इसके लिए उन्हें बाजार ले जाया गया लेकिन वहां शेख हसीना के पास पैसे कम पड़...
संसद में विनेश फोगाट पर किया गया खर्च बताने लगे मंत्री, बिफरा विपक्ष!