इस हमले के बाद पहली बार हमास नेता ग़ाज़ी हमाद सार्वजनिक रूप से सामने आए हैं. अल जज़ीरा से बातचीत में उन्होंने इस हमले को कूटनीतिक प्रक्रिया पर हमला” कहा है.यह हमला सिर्फ हमारे खिलाफ नहीं था, बल्कि यह उस प्रक्रिया पर हमला था जिसमें युद्धविराम पर चर्चा चल रही थी. यह एक विश्वासघात है