नवरात्र में दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम में वृद्धि होती है। जीवन की कठिन समय में मां का ध्यान करने से मन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता है। मां अपने भक्तों के समस्त दोषों को दूर करती हैं। मां की कृपा से सर्वत्र सिद्धि तथा विजय प्राप्त होती है। मां की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, संयम और सदाचार की प्राप्ति होती है और जीवन में जिस बात का संकल्प कर लेते हैं वह अवश्य ही पूरा होता...
चैत्र नवरात्रि कल से, जानिए घटस्थापना शुभ मुहूर्त, पूजा विधि