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देश के पहले आसन कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड को रामसर साइट की मान्यता मिली

नम भूमि क्षेत्र ( कंजरवेशन रिजर्व ) के संरक्षण के लिए दुनियां की सबसे बडी साइट रामसर साइट ने देश के सबसे पहले आसन रिजर्व कंजरवेशन वैट लैंड क्षेत्र को मान्यता दे दी...

देश के पहले आसन कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड को रामसर साइट की मान्यता मिली
हिन्दुस्तान टीम,विकासनगरThu, 15 Oct 2020 09:00 PM
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नम भूमि क्षेत्र ( कंजरवेशन रिजर्व ) के संरक्षण के लिए दुनियां की सबसे बडी साइट रामसर साइट ने आसन रिजर्व कंजरवेशन वैट लैंड क्षेत्र को मान्यता दे दी है। रामसर साइट पर आसन बैराज रिजर्व कंजरवेशन को मान्यता मिलने से अब आसन वेटलैंड जहां पूरी दुनियां के मानचित्र पर दिखेगा। देश दुनियां के लोगों को आसन कंजरवेशन की जानकारी मिल सकेगी। आसन कंजरवेशन रिजर्व को सुरक्षा मिलेगी और इसके संरक्षण को फंडिंग भी होगी। आसन वैटलैंड को अब तक रामसर साइट पर मान्यता नहीं मिल पाई थी। जबकि देश के 37 रिजर्व कंजरवेशन को पहले ही रामसर साइट पर मान्यत मिल चुकी है। लेकिन संयुक्त यूपी से लेकर उत्तराखंड बनने के बाद भी उपेक्षा के चलते इस कंजरवेशन रिजर्व को मान्यता नहीं मिल पाई। चकराता के पूर्व डीएफओ डॉ धीरज पांडेय ने सबसे पहले 2012-13 में आसन कंजरवेशन रिजर्व को रामसर साइट से मान्यता दिलाने के लिए आवेदन किया था। लेकिन उनका स्थानांतरण होने के बाद मामले की पैरवी न होने से मामला अधर में लटक गया। पिछले ग्यारह माह से चकराता के डीएफओ डीसी आर्य ने लगातार इस मामले को आगे बढ़ाया। नतीजन अब आसन बैराज रिजर्व कंजरवेशन को रामसर साइट पर मान्यता मिल पाई। दुनियां में नम भूमि संरक्षण के लिए स्थापित रामसर साइट पर मान्यता मिलने के बाद आसन बैराज रिजर्व कंजरवेशन अब दुनियां के मानचित्र पर दिख सकेगा। जिससे देश ही नहीं दुनियां के नमभूमि से जुड़े विशेषज्ञों से लेकर पक्षी प्रेमी आसन कंजरवेशन के दीदार हो सकेंगे। डीएफओ डीसी आर्य का कहना है कि यह उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। कहा कि अब आसन कंजरवेशन दुनियां के मानचित्र में शामिल हो गया है। क्या है रामसर साइटदुनियां में नमभूमि क्षेत्र कंजरवेशन रिजर्व के संरक्षण के लिए दो फरवरी 1971 को ईरान में रामसर साइट की स्थापना हुई थी। जिसमें दुनियां के रिजर्व कंजरेवशन को मान्यता देकर उनके संरक्षण के लिए कदम उठाए जाते हैं। आसन कंजरवेशन को रामसर साइट पर देश के 38 कंजरवेशन के रूप में मान्यता मिली है। क्या होंगे फायदेआसन बैराज में हर साल सर्दी के मौसम में पांच से दस हजार के करीब देश विदेश के पक्षी डेरा डालते हैं। करीब 45 प्रजातियों से अधिक विदेशी परिंदे आते हैं। जबकि देशी परिदों को जोडकर दो सौ अधिक प्रजातियों के परिंदे डेरा डालते हैं। रामसर साइट से मान्यता मिलने पर विश्व के मानचित पर आसन बैराज होगा। रामसर साइट से इसके संरक्षण व संबर्द्धन के लिए बडे पैमाने पर फंडिंग होगी। जिससे झील का विकास होगा। दुनियां भर के पक्षी प्रेमी पक्षियों पर रिसर्च करने आएंगे और इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह भी जानें रामसर कंजर्वेशन सबसे पुराने सरकारी समझौतों में से एक है। जिसके सदस्य देशों ने वेटलैंड क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित करने के उद्देश्य से समझौते पर हस्ताक्षर किए। वेटलैंड्स भोजन, पानी, भूजल रिचार्ज, कटाव, नियंत्रण और पारिस्थितिकी तंत्र के लाभ को विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं। रामसर साइट हैं पर अब तक कुल 21 करोड वर्ग किमी क्षेत्रफल शामिल है। जिसमें अब आसन कंजरवेशन रिजर्व का 444.40 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।

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