छात्रों को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की जानकारी दी
सिंड्रोम की जानकारी दी गई। हिमालयन अस्पताल जौली ग्रांट के विशेषज्ञों ने छात्रों को अधिक समय तक डिजिटल स्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह...
सेपियंस स्कूल हरबर्टपुर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की जानकारी दी गई। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के विशेषज्ञों ने छात्रों को अधिक समय तक डिजिटल स्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी
शुक्रवार को कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि कंप्यूटर या अन्य डिजिटल स्क्रीन का अधिक देर तक उपयोग करने से आंखों पर अधिक जोर पड़ता है। इसके साथ ही सिर दर्द, गर्दन में दर्द और कंधे, पीठ में दर्द की समस्या भी हो सकती है। हर रोज दो घंटे या इससे अधिक समय तक लगातार कंप्यूटर या किसी अन्य डिजिटल स्क्रीन का इस्तेमाल करने से कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (डिजिटल आई स्ट्रेन) का खतरा बना रहता है। इसके कारणों की जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल स्क्रीन का उपयोग करते समय लाइट सही नहीं होना, कम रोशनी में स्क्रीन देखना, स्क्रीन पर बहुत अधिक रोशनी पड़ने से यह सिंड्रोम होता है। इसके साथ ही स्क्रीन को आंखों से कम दूरी पर रखना, डिजिटल स्क्रीन का उपयोग करते समय बैठने का तरीका सही नहीं होना और लगातार बिना ब्रेक के स्क्रीन को देखते रहने से भी डिजिटल आई स्ट्रेन का खतरा बना रहता है। विशेषज्ञों ने छात्रों को डिजिटल स्क्रीन का उपयोग कम करने की सलाह दी। इस दौरान प्रबंधक रविकांत सपरा, रशिता सपरा, प्रधानाचार्य रश्मि गोयल, गीता नेगी आदि मौजूद रहे।
