शिव महापुराण जीवन की दिशा बदलने वाला आध्यात्मिक ग्रंथ : आचार्य गौतम
हरिपुर खेड़ा के थपलेश्वर महादेव मंदिर में शिव महापुराण कथा के छठे दिन, कथा व्यास आचार्य श्याम सुंदर गौतम ने सृष्टि रचना और शिव-तत्व का वर्णन किया। श्रद्धालु भक्ति भाव से कथा श्रवण में लीन रहे।...

हरिपुर खेड़ा स्थित थपलेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे शिव महापुराण कथा के छठे दिन कथा व्यास ने सृष्टि रचना और शिव-तत्व का विस्तार से वर्णन किया। कथा स्थल हर हर महादेव और बोल बम के जयघोष से गूंज उठा। श्रद्धालु भजन-कीर्तन और कथा श्रवण में लीन रहे और भक्ति भाव से झूमते नजर आए। कथाव्यास आचार्य श्याम सुंदर गौतम ने कथा के दौरान भगवान शिव द्वारा इस संसार की सृष्टि रचना, उनके ब्रह्मांडीय स्वरूप और महाशक्ति के रहस्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिव महापुराण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक ग्रंथ है। कलियुग में सत्संग और कथा श्रवण ही सर्वोत्तम पुण्य है।
बताया कि सोमवार भगवान शिव को अत्यंत प्रिय दिन है, जो श्रद्धालु सच्चे मन से सोमवार का व्रत रखते हैं, उनके सभी कार्य सिद्ध होते हैं और उन पर महादेव की कृपा बनी रहती है। कथाव्यास ने कहा कि शिव-पार्वती के पुत्रों कार्तिकेय और गणेश की महिमा भी अपार है। बताया कि कार्तिकेय पुरुषार्थ के प्रतीक हैं, जबकि गणेश की कथाओं में सूक्ष्म विवेक और प्रतिष्ठा का महत्व समझाया गया है। कथा में यह भी बताया गया कि भगवान शिव प्रत्येक जीव के हृदय में निवास करते हैं, इसलिए किसी को भी किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचानी चाहिए। कथा के समापन पर श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण किया गया जिसमें सभी ने आस्था से भाग लिया। कथा श्रवण करने वालों में पंडित रविंद्र शास्त्री, ममता बर्त्वाल, माया नेगी, शीतल कंटुरा, पूनम पंवार, किरण, सुनीता चौहान, नीलम धस्माना, सुमन, काजल आदि शामिल रहे।

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