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डिजिटल तकनीक विधि व्यवस्था के लिए मजबूत आधार

सामाजिक, औद्योगिक और आर्थिक विकास में हमारा देश उन्नति कर रहा है। लेकिन कानूनी प्रक्रिया में देरी अभी भी एक जटिल समस्या बनी हुई है, जिसको डिजिटल...

डिजिटल तकनीक विधि व्यवस्था के लिए मजबूत आधार
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारMon, 04 Jan 2021 11:50 PM
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सामाजिक, औद्योगिक और आर्थिक विकास में हमारा देश उन्नति कर रहा है। लेकिन कानूनी प्रक्रिया में देरी अभी भी एक जटिल समस्या बनी हुई है, जिसको डिजिटल तकनीक से दूर किया जा सकता है।

रविवार को आयोजित वेबिनार में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद उत्तराखंड के महामंत्री अनुज शर्मा ने वर्तमान में डिजिटल तकनीक को विधि व्यवस्था में एक मजबूत आधार बताया। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और निचली अदालतों में मुक़दमों की संख्या बढ़ रही है। हमारी कानूनी प्रक्रिया में कई तारीखों से गवाह के उपस्थित नहीं होने और पक्षकारों के स्थगन प्रस्ताव से प्रक्रिया बाधित रहती है। जिससे न्यायपालिका के साथ-साथ पक्षकारों को लंबित न्याय व आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता हैं। उन्होंने कहा कि लंबित प्रकरणों और केसों की बढ़ोतरी के साथ इन सभी समस्याओं को डिजिटल तकनीकी से दूर किया जा सकता है।

हाल ही में कोविड 19 की महामारी के चलते सुप्रीम, हाईकोर्ट और निचली अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई की गई। जोकि एक प्रयोग के रूप में काफी सफल व उपयोगी साबित रही।

कार्यकारी अध्यक्ष संजय जैन ने डिजिटल तकनीकी को वकीलों के लिए एक वरदान बताया है। जिला महामंत्री प्रणव बंसल ने केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट और सरकार से विधि कोर्स में तकनीकी शिक्षा को अनिवार्य रूप से शामिल करने की मांग की।

वेबिनार में अरविंद कुमार श्रीवास्तव, परिषद की प्रदेशाध्यक्ष जानकी सूर्या, भास्कर चंद जोशी, सुयश पन्त, अलका चोपड़ा, विकास शर्मा, संजीव चौहान, अशोक अग्रवाल, एसके भामा, राजेन्द्र राजावत, प्रभाकर गुप्ता, राजेश राठौर, केपीएस चौहान, संजय चौहान, आदेश चन्द्र, नितिन गर्ग, रोहित कंवाल व नितिन चौहान शामिल रहे।

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